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छत्तीसगढ़ : लोक कलाकृति रहे जिंदा, महिलाएं-युवतियां सीख रहीं गोदना व मधुबनी आर्ट




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रंगायन द्वारा आयोजित बैरनबाजार समर कैंप में बड़ी संख्या में बच्चों के साथ महिलाएं व युवतियां लोक कलाकृति सीखने आ रही हैं। एक महीने तक चलने वाले इस कैंप में रोज अलग-अलग कलाकृति बनाना सिखाया जा रहा है। प्रशिक्षार्थी उत्साह से हिस्सा ले रहे हैं। बुधवार को कैनवास पर प्राकृतिक सौंदर्य के साथ कई मनोरम दृश्य बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही साड़ी और दुपट्टे पर क्लॉथ पेंटिंग व एंब्रॉयडरी करना बताया गया। इसके तहत युवतियां और महिलाओं ने फैब्रिक पेंट से ट्राइबल आर्ट बनाया। प्रमुख रूप से गोदना आर्ट व मधुबनी आर्ट बनाना सीखा। संस्था की संस्थापक जयश्री भगवानानी ने बताया कि कैंप में छोटे-बड़े सभी वर्ग को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विभिन्ना कलाओं में उन्हें पारंगत किया जाएगा। प्रशिक्षणार्थियों की संख्या को देखते हुए प्रशिक्षण की अवधि को बढ़ाने की बात चल रही है। एक मई तक प्रस्तावित कैंप को 15 मई तक चलाया जा सकता है। इससे महिलाएं एंब्रॉयडरी और कपड़े पर पेंटिंग की कला में निपुण हो जाएंगी। कैंप सुबह 10 से दोपहर 12 तक और शाम को 4 से 6 बजे तक चल रहा है।