जशपुर जिले में 5 मई से तेन्दूपत्ता की तुड़ाई का काम शुरू हो जाएगा। जिले में इस वर्ष 39 हजार मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित है। तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य 24 लघु वनोपज सहकारी समिति के माध्यम से किया जाएगा। तेन्दूपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा के मान से 4 हजार रुपया पारिश्रमिक दिया जाएगा।
वनमडलाधिकारी श्री कृष्ण जाधव ने बताया कि छत्तीसगढ़ में तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 4000 रुपए प्रति मानक बोरा है जो अन्य राज्यों की तुलना में बहुत अधिक है। अन्य राज्यों से तेन्दूपत्ता जिले में विक्रय हेतु अवैध रूप से न आ सके, इसको ध्यान में रखते हुए सहकारी समितियों एवं फड़ों में विशेष निगरानी रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि तेन्दूपत्ता का अवैध परिवहन न हो सके इसकी धर-पकड ़केे लिए उड़नदस्ता दल गठित किए गए है। तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य की देख-रेख के लिए पोषक अधिकारी, फडमुंशी और फड अभिरक्षक तैनात किए गए है। तेन्दूपत्ता के अवैध परिवहन एवं अन्य राज्यों से इसकी आवक की रोकथाम के लिए तीन उड़नदस्ता दल तथा तीन जोनल अधिकारी तैनात किए गए हैं। तेन्दूपत्ता की गुणवत्ता की जांच के लिए 8 अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जो सीजन के दौरान लगातार दौरा कर संग्रहण कार्य एवं गुणवत्ता पर निगरानी रखेंगे। जशपुर जिले में तेन्दूपत्ता संग्रहण के लिए कुल 305 फड हैं। जिले के तपकरा, पत्थलगांव, कांसाबेल, कुनकुरी इलाके में अच्छी गुणवत्ता का तेन्दूपत्ता बहुतायत रूप से होता हैं जिले के 42000 तेन्दूपत्ता संग्राहकों को लगभग 16 करोड़ रूपए का पारिश्रमिक मिलेगा।