Home समाचार 12 हजार फीट नीचे पड़ा है AN-32 का मलबा, बचाव कार्य में...

12 हजार फीट नीचे पड़ा है AN-32 का मलबा, बचाव कार्य में लगाए गए गरुड़ कमांडो और एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर




IMG-20240704-WA0019
IMG-20220701-WA0004
WhatsApp-Image-2022-08-01-at-12.15.40-PM
1658178730682
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.50-PM
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.48-PM

भारतीय वायुसेना का लापता विमान AN-32 का मलबा 8 दिन बाद मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी सियांग जिले में दिखाई दिया. अरुणाचल प्रदेश सरकार की ओर से उस इलाके का मैप जारी किया गया है, जहां AN-32 विमान का मलबा मिला है. राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए मैप में AN-32 विमान के क्रैश साइट को साफ देखा जा सकता है. भारतीय वायुसेना की ओर से बताया गया कि लापता विमान के बाकी मलबे को तलाशने के लिए बुधवार को भी सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. AN-32 के मलबे को खोजने के लिए MI17S और एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर को लगाया गया है.

सर्च ऑपरेशन से जुड़े गरुड़ कमांडो

AN-32 के बाकी मलबे को खोजने के लिए वायुसेना ने बुधवार सुबह ही अपने गरुड़ कमांडो और वायुसेना के सैनिकों को मलबे वाली जगह पर उतारकर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार शाम मलबा दिखाई देने के बाद ही सेना ने मलबे वाले स्थान पर चीता और एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर को उतारने की कोशिश की थी, लेकिन घने पहाडी जंगल होने के चलते हेलिकॉप्टर को वहां नहीं उतारा जा सका.

हालांकि, मंगलवार देर शाम तक वायुसेना ने एक जगह को चिन्हित कर लिया है, जहां बुधवार तड़के हेलिकॉप्टर उतारकर सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.

एयरफोर्स की टीम ने AN-32 के टुकड़ों को अरुणाचल प्रदेश के लिपो नाम की जगह से 16 किलोमीटर उत्तर में इसके मलबे को देखा है. एयरफोर्स की टीम अब इन मलबों की जांच कर रही है. वायुसेना ने अब सर्च ऑपरेशन का दायरा भी बढ़ा दिया है.

View image on Twitter

सर्च ऑपरेशन में ली गई इसरो की मदद
वायुसेना ने AN-32 की खोज के लिए इंडियन स्पेस एंड रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) तक की मदद ली. सर्च ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाले एयरक्राफ्ट सी-130, एएन-32एस, एमआई-17 हेलिकॉप्टर और आर्मी के कई आधुनिक हेलिकॉप्टर शामिल थे. AN-32 को खोजने में लगे C-130J, नेवी का P8I, सुखोई जैसे विमान दिन रात बहुत सारा डेटा इकट्ठा कर रहे थे.

भारतीय वायुसेना का कहना था कि क्रैश की संभावित जगह से इन्फ्रारेड और लोकेटर ट्रांसमीटर के संकेतों को विशेषज्ञ पकड़ने की कोशिश कर रहे थे. तस्वीरों और टेक्निकल सिग्नल के आधार पर कुछ खास बिंदुओं पर कम ऊंचाई पर हेलिकॉप्टर ले जाए जा रहे थे. लेकिन ऊपर से महज इतना हो पा रहा था कि कि वो बस जमीनी तलाशी टीम के साथ तालमेल बना पा रहे थे, जिसके चलते सर्च ऑपरेशन में कई दिन का समय चला गया.

3 जून को लापता हो गया था विमान
बता दें कि भारतीय वायुसेना के विमान एएन-32 ने 3 जून को असम के जोरहाट से उड़ान भरी थी. इस विमान में इंडियन एयर फोर्स के 13 स्टाफ सवार थे. विमान को अरुणाचल प्रदेश के मेचुका एडवांस लैंडिंग ग्राउंड पर लैंड करना था. लेकिन उसी दिन दोपहर एक बजे के करीब इस विमान का कंट्रोल रूम में संपर्क टूट गया.