दाल और अनाज की कीमतें बढ़ने से मई महीने में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी सीपीआई 2.92 फीसदी से बढ़कर 3.05 फीसदी हो गई है. यह आंकड़ा 7 महीने में सबसे ज्यादा है. सीएसओ की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, मई में रिटेल महंगाई दर अप्रैल 2.92 फीसदी से बढ़कर 3.05 फीसदी पर पहुंच गई है. वहीं, मई में कोर सीपीआई अप्रैल के 4.6 फीसदी से घटकर 4.2 फीसदी पर आ गई है.
हालांकि, औद्योगिक उत्पादन के मोर्चे पर बेहतर आंकड़े आए हैं. अप्रैल में इंडस्ट्रियल ग्रोथ बढ़कर छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. यह -0.1 फीसदी से बढ़कर 3.4 फीसदी हो गई है. आपको बता दें कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में खास महत्व होता है. इससे पता चलता है कि उस देश की अर्थव्यवस्था में औद्योगिक वृद्धि किस गति से हो रही है.
आईआईपी के अनुमान के लिए 15 एजेंसियों से आंकड़े जुटाए जाते हैं. इनमें डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन, इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस, सेंट्रल स्टेटिस्टिकल आर्गेनाइजेशन और सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी शामिल हैं.
देश में बढ़ी महंगाई, 7 महीने में सबसे ज्यादा, जानें 4 बड़ी बातें
(1) महीने दर महीने आधार पर मई में खाद्य पदार्थों की महंगाई 1.1 फीसदी से बढ़कर 1.83 फीसदी पर रही है जबकि सब्जियों की महंगाई 2.87 फीसदी से बढ़कर 5.46 फीसदी पर पहुंच गई है.
(2) महीने दर महीने आधार पर मई में ईंधन और बिजली की मंहगाई दर 2.56 फीसदी से घटकर 2.48 फीसदी पर आ गई है. वहीं हाउसिंग की महंगाई दर अप्रैल के 4.76 फीसदी से बढ़कर 4.82 फीसदी पर रही है.
(3) महीने दर महीने आधार पर मई में अनाजों की महंगाई दर 1.17 फीसदी से बढ़कर 1.24 फीसदी पर रही है. वहीं कपड़ों और जूतों की महंगाई अप्रैल के 2.01 फीसदी से घटकर 1.8 फीसदी रही है.
(4) मई में दालों की महंगाई दर में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है, महीने दर महीने आधार पर मई में दालों की महंगाई दर -0.89 फीसदी से बढ़कर 2.13 फीसदी पर पहुंच गई है.
छह महीने के टॉप औद्योगिक उत्पादन, आईआईपी 3.4 फीसदी
खनन क्षेत्र और बिजली उत्पादन में सुधार की वजह से अप्रैल में औद्योगिक विकास दर 3.4 फीसदी रही, जो छह महीने का उच्च स्तर है.
आधिकारिक आंकड़ों से बुधवार को यह जानकारी सामने आई. अप्रैल 2018 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 4.5 फीसदी रहा था.
खनन क्षेत्र के उत्पादन में 5.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 3.8 फीसदी रही थी. इसी तरह, आलोच्य अवधि में बिजली उत्पादन में छह फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 2.1 फीसदी थी.