Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ : बिजली की ख़राब हालात के लिए ज़िम्मेदार लोग आंदोलन की...

छत्तीसगढ़ : बिजली की ख़राब हालात के लिए ज़िम्मेदार लोग आंदोलन की बात कर रहे हैं : कांग्रेस




IMG-20240704-WA0019
IMG-20220701-WA0004
WhatsApp-Image-2022-08-01-at-12.15.40-PM
1658178730682
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.50-PM
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.48-PM

भाजपा ने 15 साल के शासनकाल में यदि बिजली को लेकर गंभीरता से काम किया होता तो आज छत्तीसगढ़ की वह स्थिति नहीं होती जो हो रही है. सच यह है कि भाजपा शासनकाल में बिजलीघर से लेकर ट्रांसमिशन तक सब कुछ भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी की गिरफ़्त में रहा, अब वही भाजपा बिजली कटौती को लेकर आंदोलन की बात कर रही है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि पिछले पांच साल के पांच माह की कटौती की रिपोर्ट बताती है कि भाजपा शासनकाल में पिछले साल करीब सवा लाख घंटे बिजली गुल रही, जबकि कांग्रेस शासन में यह आंकड़ा एक लाख घंटे से कम है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित भाजपा के कई दिग्गज नेता लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि प्रदेश में शहर से लेकर गांवों तक बिजली कटौती की जा रही है।

विवरण  
जनवरी से मई 2018 तक
भाजपा शासनकाल में  
जनवरी से मई 2019 तक
कांग्रेस शासन काल में  
33KVA फीडर

ब्रेक डाउन और शटडाउन

8254 बार   
6761 बार  
33KVA बिजली बंद
16645.69 घंटे  
13041.02 घंटे  
11KVA फीडर,  

ब्रेक डाउन और शटडाउन

 84421 बार  
70449 बार,   
11KVA फीडर बिजली बंद
104770 घंटे  
85772 घंटे,  
दोनो फीडर
ब्रेक डाउन और शटडाउन  
 92675 बार ब्रेक शटडाउन,  
77510 बार ब्रेक शटडाउन,  
दोनो फीडर
बिजली बंद  
 121046 घंटेs
98813 घंटे   

 विवरण
जनवरी से मई 2018 तक
भाजपा शासनकाल में  
जनवरी से मई 2019 तक
कांग्रेस शासन काल में  
रायपुर सिटी सर्किल 33KVA  56 फीडर तथा   11KVA 99फीडर 

ब्रेक डाउन और शटडाउन 

421 बार  
271 बार  
33KVA  तथा   11KVA   बिजली बंद 
1344 घंटे  
795 घंटे  
रायपुर ओ.एम.डी. सर्किल  33KVA 106 फीडर 

ब्रेक डाउन और शटडाउन

574 बार  
 459 बार,  
33KVA 106 फीडर  

बिजली बंद

911घंटे  
670 घंटे   

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि घटिया क्वालिटी के ट्रांसफार्मर और अन्य विद्युत उपकरणों की रमन सिंह सरकार में की गयी खरीदी के कारण इनके जलने खराब होने और ओवरलोड के कारण ट्रिप होने और प्रीमानसून मेंटेंनेस को पूरी भाजपा सुनियोजित रूप से पावर कट के रूप में प्रचारित करने में जुट गयी है। परिस्थितियो को बिगाड़ने के लिये प्रीमानसून मेंटेंनेन्स, ओवरलोड ट्रिपिंग या घटिया क्वालिटी विद्युत के उपकरणों के बार-बार खराब होने के कारण बिजली चले जाने को रमन सिंह जी के 15 वर्षो के शासनकाल में विद्युत मंडल में उपकृत करने के उद्देश्य से घुसाये गये संघी अधिकारी झूठमूठ में पावर कट कहकर विद्युत मंडल ही के खिलाफ दुष्प्रचार में लगे हुये है। कांग्रेस सरकार ने तो प्रदेश में बिजली की मांग से ज्यादा उत्पादन के द्वारा कीर्तिमान स्थापित किया है जिससे बौखलाकर जनविरोधी रवैय्ये के उजागर होने से डूबती हुयी भाजपा द्वारा हर मामले में झूठ के तिनके को सहारा बनाया जा रहा है। 

ऽ बिजली की समस्या पिछली सरकार रमन सिंह की ही देन है। 
ऽ भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी ने पूरे बिजली विभाग के तंत्र को नुकसान पहुंचाया है। 
ऽ बिजली का बिल हाफ करने से भाजपा घबरा गई है और जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है। 
ऽ 15 वर्षो की रमन सरकार पर यह आरोप लगाया है कि मोदी सरकार की सौभाग्य योजना का लक्ष्य पूरा करने की हड़बड़ी में बिना ट्रांसमीशन लाईन की केपिसिटी बढ़ाये, ट्रांसफार्मरों और सबस्टेशनों के बिना क्षमता बढ़ाये और नये ट्रांसफार्मर और नये सबस्टेशन लगाये बिना लोड बढ़ाया गया और आधा अधूरा काम किया गया, जिसमें भी जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। जिसके कारण ही बिजली बार-बार गुल हो रही और आम जनता को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
ऽ पावर कंपनी पिछले वर्षो से अधिक बिजली का रिकार्ड उत्पादन लगभग 4444 मेगावाट कर रही है एवं प्रदेश में इस समय मांग 4416 मेगावाट की है। 
ऽ इस प्रकार बिजली की प्रदेश में कमी तो नहीं है परंतु पिछले समय उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण की खरीदी नहीं की गयी तथा कर्मचारियों की कमी की समस्या को भी दूर नहीं किया गया। 
ऽ पिछले 15 वर्षो में कर्मचारियों की नई भर्ती भी नहीं की गयी। 
ऽ कर्मचारियों के रिटायर होने पर या मृत्यु होने पर उन खाली पदों की पूर्ति भी नहीं की गयी। 
ऽ जिससे उचित रूप से लाईन का रख-रखाव का कार्य प्रभावित हुआ। 
ऽ भाजपा की सरकार ने विद्युत कंपनी को खस्ताहाल में छोड़कर गयी है, जिसे सुधारने की आवश्यकता है।

छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कम्पनी द्वारा प्रदेश में निर्बाध विद्युत आपूर्ति बनाये रखने भरसक प्रयास किये जा रहे हैं। फलस्वरूप  विभिन्न कारणों से क्षतिग्रस्त हुई विद्युत लाईनों, खम्बों एवं प्रणालियों के दुरूस्तीकरण सहित न्यूनतम समय में बिजली बहाल करने में बड़ी कामयाबी दर्ज हुई है। बीते पॉच माह के दौरान रायपुर सर्किल एवं ओएण्डएम सर्किल में विद्युत व्यवस्था काफी बेहतर रही। उक्त जानकारी पॉवर कम्पनीज के प्रवक्ता ने दी। उन्होंने बताया कि विद्युत की वास्तविक स्थिति का अध्ययन-विष्लेषण करने हेतु 11 के0व्ही0 एवं 33 के0व्ही0 फीडरों के माहवारी ऑकड़े प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से मंगाये गये, जिससे यह तथ्य सामने आया है कि बीते वर्ष के माह जनवरी  से मई 2018 (पॉच माह) के तुलना में  चालू वर्ष के जनवरी से मई 2019 (पॉच माह) के बीच हुये ब्रेकडाउन, शटडाउन आधे से भी कम हैं। 

उपलब्ध जानकारी अनुसार रायपुर सिटी सर्किल में 33 के.व्ही. लाईन के 56 फीडर तथा 11 के.व्ही. लाईन के 232 फीडर है तथा सिटी सर्किल 2 में 33 के.व्ही. लाईन के 79 फीडर एवं 11 के.व्ही. लाईन के 99 फीडर है जिनके माध्यम से रायपुर संभाग ईस्ट, वेस्ट, साउथ, सेन्ट्रल, उरला, सिलतरा के अंतर्गत आने वाले उपभोक्ताओं को विद्युत की आपूर्ति की जाती है। सिटी सर्किल एक के फीडरों में बीते पांच माह (जनवरी से मई 19) के दौरान 271 बार शटडाउन-ब्रेकडाउन लिया गया जिससे 795 घंटे बिजली बंद रही जबकि गत वर्ष 2018 में जनवरी से मई माह के दौरान 421 बार शटडाउन-ब्रेकडाउन लिया गया जिससे 1344 घण्टे बिजली बंद रही।

इसी तरह रायपुर ओ.एंड एम. सर्किल के अन्तर्गत रायपुर, कुरूद, राजिम, धमतरी में 33 के.व्ही. लाईन के 106 फीडर है जिनमें गत वर्ष जनवरी से मई 2018 के दौरान 574 बार शटडाउन-ब्रेकडाउन  लिया गया जिससे 911 घंटे बिजली गुल रही जबकि इसकी तुलना में चालू वर्ष के दौरान जनवरी से मई 2019 के पांच माह की अवधि में 459 बार शटडाउन-ब्रेकडाउन लिया गया, फलस्वरूप पांच माह में केवल 670 घण्टे बिजली बंद रही। इन तथ्यों से यह उजागर होता है कि छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज द्वारा गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष अपेक्षाकृत उत्कृष्ट कार्य-निष्पत्ति का प्रदर्शन किया गया जिससे पिछले साल की तुलना में स्थिति लगभग 35 प्रतिशत बेहतर रहीं। 

प्रदेश में विद्युत प्रदाय की स्थिति गत वर्ष की तुलना में बेहतर बनी हुई है। कतिपय तत्वों द्वारा राजनैतिक स्वार्थवश अनावश्यक भ्रम की स्थिति निर्मित कर दुष्प्रचार कर विद्युत कम्पनी व सरकार के विरूद्ध माहौल बनाने का प्रयास किया गया है।