ज्यादातर लोग पनीर खाने के शौकीन होते हैं, लेकिन क्या कभी आपने गधी के दूध का पनीर खाया है? अगर नहीं खाया तो बता दें कि सर्बिया के जेसाविका में गधी के दूध से पनीर बनता है और यह विश्व का सबसे महंगा पनीर बनाया जा रहा है. जिसकी कीमत करीब 78 हज़ार रुपये किलो तक होती है. इस पनीर के बारे में और भी चौंकाने वाली जानकारियां हैं क्योंकि ये गाय के दूध से नहीं बनता और न ही बहुत ज़्यादा मात्रा में बनाया जा सकता है. दुनिया के सबसे महंगे पनीर के बारे में दिलचस्प बातें जानें.
सफेद रंग का, घना जमा और स्वादिष्ट फ्लेवर युक्त यह पनीर सर्बिया के एक फार्म में गधी के दूध से बनाया जाता है और इसे बनाने वाले स्लोबोदान सिमिक की मानें तो ये पनीर न केवल लज़ीज़ होता है बल्कि सेहत के लिहाज़ से भी बेहतर विकल्प है. उत्तरी सर्बिया के एक कुदरती रिज़र्व को ज़ैसाविका के नाम से जाना जाता है. यहां सिमिक 200 से ज़्यादा गधों को पालते हैं और उनके दूध से कई तरह के उत्पाद तैयार करते हैं. आइए, आपको इन गधों और इस पनीर से जुड़ी और दिलचस्प बातें बताएं.
सिमिक का दावा है कि सर्बिया के इन गधों के दूध में मां के दूध जैसे गुण होते हैं. ‘एक मानव शरीर को जन्म के पहले दिन से ही ये दूध दिया जा सकता है और वो भी इसे बगैर पतला किए हुए.’ सिमिक इस दूध को कुदरत का वरदान कहते हैं और सेहत के लिए बेहद फायदेमंद बताते हैं. उनका दावा है कि इसका सेवन अस्थमा और ब्रॉंकाइटिस जैसे कुछ और रोगों में फायदेमंद है.
इन दावों के बावजूद अब तक इस दूध पर वैज्ञानिक शोध नहीं हो सके हैं इसलिए सेहत के लिए इसके फायदे या गुणों के बारे में ज़्यादा मालूमात नहीं है. हालांकि यूनाइटेड नेशन्स ने इस दूध के बारे में कहा था कि ये उन लोगों के लिए बेहतरीन विकल्प है, जिन्हें गाय के दूध से एलर्जी जैसी समस्याएं हों. इसकी वजह ये भी थी कि इस दूध में प्रोटीन की मात्रा बहुत अच्छी होती है.
सिमिक की मानें तो दुनिया में उनसे पहले इन गधों के दूध से पनीर किसी ने नहीं बनाया. इस प्रॉडक्ट पर वो अपना अधिकार मानते हैं. जब उन्हें इस दूध से पनीर बनाने का आइडिया आया तो पहली समस्या ये थी कि इस दूध में कैसीन का स्तर कम होता है, जो पनीर के लिए बाइंडिंग एजेंट का काम करता है. लेकिन, चीज़ बनाने के लिए ज़ैसाविका के एक सदस्य ने सिमिक की मदद की और रास्ता ये खोजा गया कि अगर इस दूध में बकरी के दूध की कुछ मात्रा मिलाई जाए तो पनीर बनाया जा सकता है. खास बात ये है कि ये एक गधी एक दिन में एक लीटर दूध भी नहीं देती जबकि एक गाय से 40 लीटर प्रतिदिन तक दूध मिल सकता है. इसी वजह से इस पनीर का उत्पादन बहुत कम हो पाता है. एक साल में ये फार्म 6 से 15 किलो तक पनीर बनाता और बेचता है.
इस पनीर का उत्पादन कम होने के कारण इसकी कीमतें बहुत ज़्यादा हैं. इसके खरीदार ज़्यादातर विदेशी और पर्यटक होते हैं. सिमिक कहते हैं कि उनका फार्म गधों के दूध से साबुन और शराब का उत्पादन भी करते हैं. ये पनीर 2012 में तब चर्चा में आया था, जब सर्बिया के टेनिस स्टार नोवक डीजोकोविक के बारे में कहा गया था कि उनके लिए इस पनीर की सालाना सप्लाई की जाती है, हालांकि नोवाक ने इस खबर का खंडन किया था