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पिता ने सांप काटने के बाद मृत घोषित की गई बेटी को मौत के मुंह से खींच निकाला




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दुर्गम क्षेत्र में निवास, घर में गरीबी, यातायात के साधन का अभाव, गांव में डॉक्टर की कमी ऐसी स्थिति में विषधर सांप काटने से लड़की बेहोश हो गई । इसके बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। लेकिन बेटी पर प्यार ने पॉकेट में पैसे नहीं होने के बावजूद उसके पिता ने जीवन से संघर्ष किया और बेटी की जान बचा ली । असामान्य धैर्य के पिता की जिद्द को डॉक्टरों ने भी सलाम किया है ।

मनोज मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते है 
मनोज तिंडोरे अपने परिवार के साथ तलेा\गांव के पास के कान्हे खेड़ में रहते है । उनकी बेटी का नाम ख़ुशी है । मनोज मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते है। घर में आनंद के वातावरण के बीच रात में सोते वक़्त विषैले सांप ने ख़ुशी को काट लिया। यह बात उसके पिता को पता चली । लेकिन तलेगांव के पास कान्हे खेड़ गांव में उन्हें इलाज के भारी संकट से गुजर रहे थे। ख़ुशी को सरकारी हॉस्पिटल में सही व्यवस्था नहीं होने की वजह से उसे सही इलाज नहीं मिल पाया और ख़ुशी कोमा में चली गई । लेकिन उसके पिता ने उसे बचने की जिद्द नहीं छोड़ी। ख़ुशी को बचाने के लिए जीवन से संघर्ष किया और आखिरकार उसकी जान बचा ली।

यह सांप नाग से 15 गुना अधिक विषैला होता है 
ख़ुशी को मण्यार जाति के बेहद विषैले सांप ने काटा था. यह सांप नाग से 15 गुना अधिक विषैला होता है । काले और नीले रंग वाला यह सांप होता है । ऐसे में सांप काटने पर काफी ज्यादा दर्द होता है और समय पर इलाज नहीं मिलने पर मौत हो जाती है`।
ख़ुशी के पिता ने रात भर कई क्लिनिक के चक्कर लगाए। आखिर में भूषण जगताप-देशमुख नाम के सामाजिक कार्यकर्ता उनके लिए भगवान बनकर आये । भूषण ने उन्हें एक क्लिनिक में ख़ुशी को एडमिट कराने में मदद की । ख़ुशी को पिंपरी चिंचवड़ के स्पर्शक हॉस्पिटल में भर्ती किया गया. करीब 48 घंटे से कोमा में गई ख़ुशी डॉक्टरों दवारा किये गए इलाज से मौत को मात कर होश में आ गई. लेकिन इलाज से ज्यादा ख़ुशी के पिता की मेहनत और दिखाए गए आत्मविश्वास से डॉक्टरों को बल मिला। पहले मृत घोषित की गई ख़ुशी अपने पिता की जिद्द के कारण मौत को मात देकर वापस आ गई।