एयर इंडिया की लो कास्ट कम्पनी ‘एयर इंडिया एक्सप्रेस’ लगातार चौथे साल लाभ में है. आज 30 जुलाई 20 19 को एयर लाईन के बोर्ड आफ डाइरेक्टर से पास हुए एकाउंट के अनुसार एयर इंडिया एक्सप्रेस ने 2018-19 में 169 करोड़ रूपए का शुद्ध मुनाफ़ा कमाया है.
विपरीत परिस्थितियों में कमाया मुनाफ़ा
एयर इंडिया एक्सप्रेस ये लाभ तब कमाया है जबकि एयर लाइन के ख़र्च का 40 फीसदी ईंधन में जाता है जिसकी क़ीमत इस दौरान 35 फीसदी बढ़ गई थी. एयर सेक्टर की कई अन्य वजहों से भी हालत ख़राब रही बावजूद इसके एयर इंडिया एक्सप्रेस ने एयर क्राफ़्ट, मैन पावर और मैटेरियल आदि अपने संसाधनों के प्रबंधन से लाभ कमाया.
जबकि सरकार हर हाल में एयर इंडिया को बेचना चाहती है
सरकार ये साफ़ कर चुकी है कि एयर इंडिया को बेंचा जाएगा जिसकी औपचारिक प्रक्रिया पिछले पाँच वर्षों से चल रही है. फ़िलहाल एयर इंडिया का कोई ख़रीदार सामने नहीं आया है. फ़िलहाल एयर इंडिया की कम्पनी एयर इंडिया एक्सप्रेस 20 अंतर्देशीय उड़ान और 13 अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों की सेवा दे रही है.
रेवेन्यू और यात्री संख्या में कितनी हुई बढ़त
एयर इंडिया एक्सप्रेस का रेवेन्यू इस दौरान 16.7 फीसदी बढ़ा है. 2017-18 में ये 3620 करोड़ रूपये था जबकि 2018-19 में ये बढ़ कर 4202 करोड़ रूपये हो गया है. एयर इंडिया एक्सप्रेस ने इस दौरान 12 फीसदी अधिक यात्रियों को सेवाएं दीं. पिछले वित्त वर्ष की तुलना में ये 3.89 मिलियन यात्रियों से बढ़ कर 4.36 मिलियन यात्री की सेवा तक पहुंच गई है. एयर लाइंस की सिर्फ़ अन्तर्राष्ट्रीय उड़ान में यात्रियों की संख्या 10.5 फीसदी बढ़ी है.
लोड और एयर क्राफ़्ट उपयोगिता भी बढ़ी
अभी एयर लाइंस के विमान अपनी लोड क्षमता का 79.6 फीसदी उपयोग में ला रही है जो कि पिछले साल से 4 फीसदी ज़्यादा है. एयर इंडिया एक्सप्रेस की दैनिक एयरक्राफ़्ट उपयोगिता 12.7 घंटे से बढ़ कर 13.3 घंटे हो जाने से इसकी क्षमता बढ़ी है. यानी प्रत्येक एयर क्राफ़्ट प्रतिदिन 13.3 घंटे उपयोग में आ रहा है.