बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद अमेरिका में कानूनी दांवपेंच में फंस सकती है। पतंजलि के दो शरबत ब्रांड पर अमेरिका बिक्री पर रोक लगा सकता है। इसके अलावा अमेरिकी खाद्य विभाग पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ केस करने पर विचार कर रहा है। अगर इस मामले पतंजलि दोषी मानी जाती है तो उस पर करीब 3 करोड़ रुपये का जुर्माना लग सकता है।
ये है पतंजलि पर अमेरिका में आरोप
अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (यूएसएफडीए) की एक रिपोर्ट के अनुसार पतंजलि आयुर्वेद के दो शर्बत ब्रांड पर में अलग-अलग दावे की बात सामने आई है। यूएसएफडीए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पतंजलि भारत में बेचे जा रहे शर्बत उत्पादों के लेबल पर अलग दावे करती है और अमेरिका निर्यात किए जाने वाले शरबत में उसके दावे अलग हैं। वहीं पतंजलि अमेरिका और भारत के लिए इस शरबत की पैकिंग भी अलग-अलग करती है।
भारत भी लगा सकता है जुर्माना
अगर अमेरिका में पतंजलि पर लगाए गए आरोप सही पाए गए तो भारत में भी इस कंपनी पर जुर्माना लगाया जा सकता है। अमेरिका में अगर पतंजलि पर लगे आरोप सही पाए गए तो करीब 5 लाख अमेरिकी डॉलर तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा पतंजलि के अधिकारियों को 3 साल तक की सजा भी हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो भारत में भी पतंजलि पर जुर्माना लगाया जा सकता है। भारत में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 के तहत कंपनी अगर गलत ब्रांडिंग और गलत दावों के साथ उत्पाद बेचने के आरोप में दोषी पाई जाती है तो उस पर 3 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
पहली बार देश में ऑफर लेकर आई पतंजलि
पतंजलि आयुर्वेद ने पहली बार स्पेशल ऑफर पेश किए हैं। इन ऑफरों के तहत 50 फीसदी छूट दी जा रही है। वहीं कुछ उत्पादों पर 3 सामान खरीदने पर 3 सामान फ्री दिए जा रहे हैं। इससे पहले पतंजलि ने कभी भी ऑफर नहीं दिए थे। इन ऑफर का फायदा फूड कैटेगरी के तहत जूस, आटा, तेल, ओट्स और रेडी टू ईट फूड्स जैसे सामानों को खरीदने पर मिलेगा। इसके अलावा शैंपू, फेसवॉश और अन्य पर्सनल केयर उत्पाद पर कॉम्बो ऑफर का फायदा उठाया जा सकता है। हालांकि यह ऑफर देश के चुनिंदा शहरों में ही दिए जा रहे हैं।
घटती बिक्री से कंपनी परेशान
पतंजलि की बिक्री पिछले कुछ समय से ठीक नहीं चल रही है। पतंजलि ने घटती बिक्री से निकलने के लिए ऑफर का सहारा लिया है। इन ऑफराें की जानकारी विभिन्न मीडिया में सामने आई है। इस घटती बिक्री के चलते पतंजलि के पास पिछला स्टॉक भी जमा हो गया। कंपनी चाहती है कि यह स्टॉक जल्द से जल्द निकल जाए। पतंजलि के उत्पादों की बिक्री पिछले दो साल से कम हो रही है। वहं पतंजलि आयुर्वेद ने वित्त वर्ष 2017 की तुलना में वित्त वर्ष 2018 में 10 फीसदी आमदनी में गिरावट की बात भी अपनी रिपोर्ट में बताई थी।
कंपनी ने माना घट रही बिक्री
पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने हाल ही में मीडिया में स्वीकार किया था कि कंपनी सुस्ती के दौर से गुजर रही है। उनका कहना था कि कंपनी की ग्रोथ बहुत धीमी हुई है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा था कि ग्रामीण इलाकों में स्लोडाउन की वजह से बिक्री प्रभावित हुई है और पतंजलि को भी इसका सामना करना पड़ रहा है। हालांकि बालकृष्ण ने कहा था कि कंपनी स्लोडाउन के प्रभाव से धीरे-धीरे बाहर निकल रही है। उन्होंने कहा कि हर्बल और नेचुरल प्रॉडक्ट्स की मांग बढ़ रही है और जल्द ही इसकी खपत बढ़ेगी।