महज तीन दिन बाद यानी 12 अगस्त को देशभर में बकरीद का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। बकरीद को मुस्लिमों के बड़े त्योहार के रुप में देखा जाता। इसको देखते हुए देशभर में बकरा बाजार सज चुका है। जगह-जगह से लोग बकरा खरीदने और बकरा बेचने आ रहे हैं। बकरों की कीमत लाखों में लगाई जा रही है। आइए तस्वीरों के माध्यम से जाने बकरे और उसकी कीमत…
जामा मस्जिद के बकरा बाजार में अलवरी नस्ल का सिंघम परिवार आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। हो भी क्यों न, तीन बकरों के परिवार को संभल के रहने वाले इकराम ने अपने बच्चों की तरह पाला है। 175 किलो से 200 किलो के इन तीन बकरों के इकराम 11 लाख रुपये मांग रहे हैं।
दिल्ली में जामा मस्जिद के बकरा बाजार में बकरा लेकर बेचने आए दो लोगों ने इसकी जब कीमत सुनाई से तो वहां मौजूद लोग अचंभित रह गए। इस दो बकरों की कीमत एक लाख है।
बाजार में अलवरी, मेवाती, देसी, बरबरे, पंजाबी और दोगले बकरों की खूब डिमांड है। कुछ जगहों पर भेड़ और दुंबे भी देखने को मिले। वहीं सीलमपुर, सीमापुरी, जामिया नगर, ओखला और दिल्ली के बाकी बाजारों में भी लोग कुर्बानी के लिए बकरे खरीद रहे हैं। इस बकरे का नाम चांद और इसकी कीमत साढ़े चार लाख है।
बकरीद पर हर किसी की ख्वाहिश होती है कि वह मोटा-ताजा और तंदरुस्त बकरा खरीदे और बकरीद के दिन बकरे का मांस खूब बांटे। बकरे वाले ने इस बकरे की कीमत दो लाख बताई है।
गुरुवार को बाजारों में खूब भीड़ देखी गई। अब पुरानी दिल्ली के बाजार देर रात तक खुले रहेंगे। लोग सेवइयां व ड्राइफ्रूट भी खरीदते दिखे। इस बड़े से बकरे की कीमत बकरे वाले ने दो लाख 25 हजार बताई।
कुछ कारोबारियों का आरोप है कि बकरों को बीयर में कुछ केमिकल मिलाकर पिला देते हैं, जिससे बकरे का पेट फूल जाता है। चने का आटा, बेसन और सोडा आदि भी पिलाकर बकरों को मोटा किया जाता है जिससे बकरों का ज्यादा दाम लगाया जा सके। कारोबारी ने इस बकरे की कीमत ढाई लाख बताई।
कुछ खरीदार बकरों का वजन भी देखते हैं। बकरीद पर हर किसी को किसी न किसी पशु की कुर्बानी करनी पड़ती है। गाय को छोड़कर भैंस, बकरी भेड़ आदि की कुर्बानी होती है। कुर्बानी के लिए 14 माह का बकरा उपयुक्त माना जाता है। ईद-उल-अजहा में कुर्बानी के लिए सजे बकरा बाजार की शान बने भोंदू, कालिया और शेरू की कीमत कद्रदानों ने लग्जरी कार से भी ऊंची लगाईं।