देखने में बेल के समान पर उससे अधिक कठोर आवरण वाला फल कैथा अब बहुत कम देखने को मिलता है। आज से दो-तीन दशक पहले कैथा के पेड़ बहुतायत में पाए जाते थे। लेकिन विकास के नाम पर पेड़ों की अन्धाधुन्ध कटाई और इसके फलों के प्रति लोगों की उपेक्षा ने कैथा को विलुप्ति के कगार पर पहुँचा दिया है। कैथे में विटामिन सी, फ्रूट एसिड, प्रोटीन, मिनरल्स, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, आयरन, कैल्शियम, फोस्फोरस, जिंक, विटामिन बी-1, विटामिन बी-2, फाइटोकेमिकल्स, एलकेलोइड, पॉलीफेनोल आदि पोषक तत्व पाए जाते है। कैथा एक नहीं कई बीमारियों में लाभदायक होता है। आइये जानते हैं कैथा के फायदों के बारे में।
कैथा के फायदे
कैथा प्रतिरोधक क्षमता को दृढ करता है, यह पाचन क्रिया को अच्छा बनाए रखता है, यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के साथ-साथ कोलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेसर को भी नियंत्रित करता है। कैथा स्कर्वी रोग से बचाव में सहायक है। कैथा शोथरोधी, ज्वरनाशक, दर्दनाशक, कैंसररोधी, मधुमेहरोधी, घावपूरक, पेशाब बढ़ाने वाला, जिवानुरोधी है। कैथे के बीज हृदय रोग और सर दर्द के लिए फायदेमंद होते हैं। कैथ के बीजों का तेल फीका, ग्राही और मीठा होता है और पित्त, कफ, हिचकी, उल्टी और चूहे के जहर को खत्म करता है। कैथे के फुल जहर के प्रभावों को नष्ट करते हैं। कैथे के पत्ते उल्टी, दस्त और हिचकी रोग में लाभकारी होता है।