तिरुमाला पर्वत पर स्थित भगवान तिरुपति बालाजी के मंदिर की महत्ता कौन नहीं जानता. हर साल करोड़ों लोग इस मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं. ऐसा माना जाता है कि यह स्थान भारत के सबसे अधिक तीर्थयात्रियों के आकर्षण का केंद्र है. तिरुपति बालाजी मंदिर दुनिया के सबसे धनवान मंदिरों और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. सोमवार को 92,291 तीर्थयात्रियों ने भगवान तिरुपति बालाजी के दर्शन किए.
दर्शन के लिए कतार में खड़े हैं भक्त
अब तक मिली जानकारी के अनुसार, सभी श्रद्धालु 31 कम्पार्टमेंट ‘क्यू कॉम्प्लेक्स’ में दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.मंदिर में सर्वदर्शन का औसत समय अब 15 घंटे है. सोमवार (12 अगस्त) को 92,291 तीर्थयात्रियों ने बाला जी के दर्शन किए और करीब 32,986 भक्तों ने मुंडन कराया.
3 करोड़ से ज्यादा का आया चढ़ावा
तिरुपति बालाजी मंदिर में सोमवार को चढ़ावे के रूप में 3 करोड़ 70 लाख रुपये का चढ़ावा आया है. दरअसल, सार्वजनिक अवकाश के कारण मंदिर में भक्तों को तांता लगा हुआ है. मंदिर में रोज भक्तों की भीड़ बढ़ने के कारण वीआईपी व्यक्ति का किसी अन्य के लिए अनुमोदन स्वीकार नहीं किया जा रहा है. दर्शन के लिए वीआईपी व्यक्ति को ही अनुमति मिल रही है.
भगवान विष्णु का हैं अवतार
आपको बता दें कि प्रभु वेंकटेश्वर या बालाजी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि प्रभु विष्णु ने कुछ समय के लिए स्वामी पुष्करणी नामक तालाब के किनारे निवास किया था.
यह तालाब तिरुमाला के पास स्थित है. तिरुपति के चारों ओर स्थित पहाड़ियां शेषनाग के 7 फनों के आधार पर बनीं ‘सप्तगिरि’ कहलाती हैं. श्री वेंकटेश्वरैया का यह मंदिर सप्तगिरि की 7वीं पहाड़ी पर स्थित है, जो ‘वेंकटाद्री’ नाम से प्रसिद्ध है.