वर्ष 2017 से मोदी सरकार ने परमवीर चक्र विजेता सैनिकों का भत्ता 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दिया है. वहीं अशोक चक्र पाने वालों का भत्ता 6,000 से बढ़कर 12,000 हो गया. महावीर चक्र विजेताओं का भत्ता 5,000 रुपये से बढ़कर 10,000 रुपये हो गया है. कीर्ति चक्र विजेताओं का भत्ता 4,500 रुपये से बढ़कर 9,000 रुपये हो गया है.सर्वोच्च वीरता मेडल परमवीर चक्र (Paramvir Chakra)हो या फिर वीर चक्र (Vir Chakra), इसे पाकर हर सैनिक गर्व और शान से फूला नहीं समाता है. लेकिन ऐसा नहीं है कि बहादुरी के लिए वीरता मेडल पाने वाले सैनिकों को सिर्फ मेडल ही दिए जाते हैं.सैनिकों के मान-सम्मान को बढ़ाने के लिए उन्हें सम्मान राशि भी दी जाती है. जीवनभर परिवार सहित कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं. खास बात यह है कि वर्ष 2017 से (PM Narendra Modi) ने वीर सैनिकों को मिलने वाली यह सम्मान राशि दोगुनी कर दी है.
परमवीर चक्र पाने पर पहले यह मिलती थी सम्मान राशि
सूबेदार मेजर बाना सिंह को 1988 में सियाचिन से घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए बहादुरी के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था. परमवीर चक्र पाने पर बाना सिंह के वेतन में 50 रुपये प्रति महीने भत्ता जोड़ा गया. 18 साल तक बाना सिंह को 50 रुपये भत्ता मिलता रहा. किसी भी सरकार ने इसे बढ़ाने की नहीं सोची. बाना सिंह ने इसलिए आवाज़ नहीं उठाई क्योंकि उनके मुताबिक उन्होंने बहादुरी के लिए परमवीर चक्र पाया था भत्ते के लिए नहीं. 2012-13 के आसपास इस भत्ते को बढ़ाकर 1500 रुपये कर दिया गया. लेकिन जब पीएम मोदी तक यह आवाज़ पहुंची तो इस भत्ते को 10 हजार रुपये कर दिया गया.
वीरता मेडल पाने वालों को अब इतनी मिलती है सम्मान राशि वॉयस ऑफ एक्स सर्विसमैन सोसाइटी के राष्ट्रीय सचिव बीर बहादुर सिंह बताते हैं, ‘2017 से सरकार ने अब वीरता मेडल पाने वालों की सम्मान राशि बढ़ाकर सैनिकों का मान बढ़ाया है. अब परमवीर चक्र विजेताओं का भत्ता 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये हो गया है. अशोक चक्र पाने वालों का भत्ता 6,000 से बढ़कर 12,000 हो गया. महावीर चक्र विजेताओं का भत्ता 5,000 रुपये से बढ़कर 10,000 रुपये हो गया है. कीर्ति चक्र विजेताओं का भत्ता 4,500 रुपये से बढ़कर 9,000 रुपये हो गया है. वीर चक्र विजेताओं को 3,500 रुपये से बढ़कर 7,000 रुपये होगा. इसी तरह शौर्य चक्र, मिलिट्री क्रॉस और अन्य विजेताओं के भत्ते को भी बढ़ा दिया गया है. पहले और दूसरे विश्व युद्ध में जंगी इनाम जीतने वालों का भत्ता 500 रुपए से बढ़ाकर 1,000 रुपए कर दिया गया है.’
जीवनभर परिवार को भी मिलता है भत्ता राष्ट्रीय सचिव बीर बहादुर सिंह बताते हैं, ‘वीरता मेडल पाने वाला सैनिक नौकरी में रहने के दौरान तो यह भत्ता पाता ही है. रिटायर होने के बाद भी उसे पेंशन के साथ यह सम्मान राशि जोड़कर मिलती रहती है. अगर सैनिक की पेंशन के दौरान या नौकरी के दौरान मौत हो जाती है तो उसकी पत्नी इस सम्मान राशि को पाने की हकदार हो जाती है.’
सम्मान राशि ही नहीं, मिलती हैं यह सुविधाएं भी
वीरता मेडल पाने वालों को एक ओर जहां हर महीने एक सम्मान राशि दी जाती हैं वहीं दूसरी सुविधाएं भी परिवार सहित दी जाती हैं. वीरता मेडल परमवीर चक्र हो या वीर चक्र पाने वाले हर सैनिक को रेल और हवाई जहाज के किराए में छूट मिलती है. पेंशन पर भी किसी तरह का कोई टैक्स नहीं देना होता है. वीरता मेडल पाने वाले सैनिक का सम्मान करते हुए राज्य सरकारें भी कई तरह की सुविधाएं उन्हें समय-समय पर देती रहती हैं.