पहला विश्व युद्ध 1914 से 1918 तक मुख्य तौर पर यूरोप में व्याप्त महायुद्ध को कहते हैं। यह महायुद्ध यूरोप, एशिया व अफ़्रीका तीन महाद्वीपों और समुंदर, धरती और आकाश में लड़ा गया। इसमें भाग लेने वाले देशों की संख्या, इसका क्षेत्र (जिसमें यह लड़ा गया) तथा इससे हुई क्षति के अभूतपूर्व आंकड़ों के कारण ही इसे विश्व युद्ध कहते हैं।
पहला विश्व युद्ध लगभग 52 माह तक चला और उस समय की पीढ़ी के लिए यह जीवन की दृष्टि बदल देने वाला अनुभव था। क़रीब आधी दुनिया हिंसा की चपेट में चली गई और इस दौरान अंदाज़न एक करोड़ लोगों की जान गई और इससे दोगुने घायल हो गए। इसके अलावा बीमारियों और कुपोषण जैसी घटनाओं से भी लाखों लोग मरे। विश्वयुद्ध तृतीय के बाद कौन से ऐसे तीन देश हैं जिन पर इसका बिल्कुल भी प्रभाव नहीं पड़ेगा|
1 डेनमार्क
डेनमार्क बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक देश है जहां पर लोग हर साल भारी मात्रा में यहां घूमने आते हैं| विश्व में अगर तीसरा विश्व युद्ध होता है तो डेनमार्क एक ऐसा देश होगा जहां पर इसका प्रभाव बिल्कुल ना के बराबर देखा जाएगा| इस देश की कम आबादी और बेहतरीन अर्थव्यवस्था की वजह से इस देश पर तृतीय विश्व युद्ध का खतरा बहुत कम रहेगा|
2 फीजी
इस दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जहां की जनसंख्या सबसे कम है और इस देश की खूबसूरती की वजह से यहां की हड़ताल पर ट्रकों की भारी मात्रा पहुंचती है यह बहुत ही छोटा क्षेत्रफल वाला देश है जहां पर तृतीय विश्वयुद्ध के प्रभाव बहुत कम देखने को मिल सकते हैं|
3 आइसलैंड
आइसलैंड छोटे से खेत्रपाल वाला दुनिया का देहाती सुरक्षित और मजबूत अर्थव्यवस्था वाला देश कहा जाता है क्योंकि अगर भविष्य में कभी भी तृतीय विश्वयुद्ध होता है तो आयरलैंड पहला ऐसा देश होगा जहां पर इस विश्व युद्ध का प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा|