Home जानिए जानिए अगर अटल बिहारी वाजपेयी नहीं होते तो इन मामलों में पीछे...

जानिए अगर अटल बिहारी वाजपेयी नहीं होते तो इन मामलों में पीछे रह जाता भारत…




IMG-20240704-WA0019
IMG-20220701-WA0004
WhatsApp-Image-2022-08-01-at-12.15.40-PM
1658178730682
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.50-PM
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.48-PM

अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) भारत के उन प्रधानमंत्रियों में शामिल हैं, जिन्होंने न केवल देश को प्रशासन और रक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाया बल्कि आर्थिक विकास (Economic Development) के स्तर पर भी दुनिया में पैर जमाने में मदद की.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज पहली पुण्यतिथि है. आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनकी समाधि पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे. अटल बिहारी वाजपेयी भारत के उन प्रधानमंत्रियों में शामिल हैं, जिन्होंने न केवल देश को प्रशासन और रक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाया बल्कि आर्थिक विकास के स्तर पर भी दुनिया में पैर जमाने में मदद की. जब 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सत्ता सौंपी तो भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती की ओर दृढ़ता से कदम बढ़ा रही थी. यह वही दौर था जब भारत की GDP दर 8% से भी ज्यादा थी. मंहगाई 4% से भी कम थी और विदेशी मुद्रा भंडार तत्कालीन समय के हिसाब से उच्चतम स्तर पर था.

पिछले वर्ष 16 अगस्त को अटल बिहारी वाजपेयी का जब दिल्ली में देहांत हुआ तो मानो देश निस्तेज पड़ गया. लोकप्रिय राजनेता रहे अटल बिहारी वाजपेयी के प्रशंसक भारत के कोने-कोने में शोक में डूब गये. 3 बार भारत के प्रधानमंत्री बने अटल का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर में हुआ था. लोकप्रिय नेता वाजपेयी ने देश की दिशा और दशा बदलने वाले कई काम किए. हम आपको बता रहे हैं उनके उन चार बड़े कदमों के बारे में, जिनका प्रभाव हम आज भी अपने रोजमर्रा के जीवन पर देख पाते हैं-

1. टेलिकॉम क्रांति: वाजपेयी सरकार जब अपनी नई टेलिकॉम नीति लेकर आई तो उसने तय लाइसेंस फीस के बजाए रेवेन्यू शेयरिंग की व्यवस्था कर दी. इसके अलावा वह वाजपेयी सरकार ही थी, जिसने अंतरराष्ट्रीय टेलिफोन में विदेश संचार निगम लिमिटेड के एकाधिकार को खत्म किया और प्राइवेट कंपनियों के प्रतिस्पर्धा की जगह बनाई. जिससे विदेश में कॉल करने के दामों में कमी आई.

इसके अलावा वाजपेयी सरकार ने टेलिकॉम सुधारों के लिए कई सारे कदम उठाए. इन्हीं का प्रभाव आज टेलिकॉम सेक्टर पर दिखता है. वाजपेयी के दौर में आए साधारण मोबाइल फोन से आज के स्मार्टफोन, 4जी नेटवर्क की पृष्ठभूमि और फ्री कॉलिंग जैसी सुविधाओं का श्रेय निस्संदेह बहुत हद तक अटल बिहारी वाजपेयी को जाता है.

अटल बिहारी वाजपेयी की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक थी स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना और ग्राम सड़क योजना. स्वर्णिम चतुर्भुज के अंतर्गत जहां उन्होंने चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई को हाईवे से कनेक्ट कर व्यापार और यातायात के क्षेत्र में अद्वितीय काम किया वहीं उन्होंने ग्राम सड़क योजना के तहत गांवों को पक्की सड़को के जरिए शहरों से जोड़ा और देश के आर्थिक विकास का एक सफल मॉडल दिया.

अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने राजकोषीय घाटे में कमी लाने के लिए राजकोषीय जवाबदेही एक्ट बनाया. इससे सार्वजनिक क्षेत्र बचत में मजबूती आई और यह वित्त वर्ष 2000 में GDP के -0.8% से बढ़कर वित्त वर्ष 2003 में 2.3% तक पहुंच गई. 4. सर्व शिक्षा अभियान: इस योजना को 2001 में लॉन्च किया गया था. इसके तहत 6 से 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दिए जाने का प्लान था. इस योजना के लागू होते ही प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ी. एक अनुमान के मुताबिक मात्र इस योजना के लागू होने के मात्र 4 सालों के अंदर स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या में 60% गिरावट दर्ज की गई.