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जालंधर 10 वर्ष की उम्र में सिनेमा देखने गए और फिर कभी घर नहीं लौटे




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पंजाब में जन्मे और बॉलीवुड में सितारा बन चमकने वाले खय्याम अब हमारे बीच नहीं रहे। मशहूर संगीतकार खय्याम का 92 साल की उम्र में मुंबई में निधन हो गया। बताया जाता है कि पिछले कुछ दिनों से फेफड़ों में इंफेक्शन के चलते उन्हें आईसीयू में भर्ती करवाया गया था। खय्याम का पूरा नाम मोहम्मद जहूर खय्याम हाशमी था। वे मूल रूप से पंजाब के नवांशहर के राहों के रहने वाले थे।

दस वर्ष के उम्र में वे जालंधर सिनेमा देखने गए थे और फिर कभी घर नहीं लौटे। दशकों पहले वे मुंबई चले गए थे। पद्मभूषण से सम्मानित खय्याम ने बॉलीवुड करियर की शुरुआत 1953 में फिल्म फुटपाथ से की। साल 1961 में आई फिल्म शोला और शबनम में संगीत देकर खय्याम को पहचान मिलनी शुरू हुई। उन्होंने अपने फिल्मी करियर में ‘कभी-कभी, हीर-रांझा और ‘उमराव जान’ जैसी कई हिट फिल्में दीं।

उन्होंने आखिरी खत, कभी-कभी, त्रिशूल, नूरी, बाजार, उमराव जान और यात्रा जैसी फिल्मों में संगीत दिया। उन्हें फिल्म कभी-कभी के लिए फिल्मफेयर और उमराव जान के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला।