आखिरी मुगल शासक बहादुर शाह जफर के वंशज होने का दावा करने वाले प्रिंस हबीबुद्दीन तूसी ने अयोध्या में राम मंदिर को लेकर बड़ी बात कही है।
रविवार को हैदराबाद में उन्होंने कहा कि अगर अयोध्या में राम मंदिर बना तो वह उसके लिए सोने की ईंट देंगे। प्रिंस हबीबुद्दीन तूसी ने यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट राम जन्मभूमि की जमीन उन्हें सौंप दे।
उन्होंने दावा किया कि वह ही इस भूमि के आधिकारिक हकदार हैं। क्योंकि वह पहले मुगल शासक बाबर के वंशज हैं, जिसने बाबरी मस्जिद बनवाई थी। प्रिंस हबीबुद्दीन तूसी ने कहा कि कि अगर सुप्रीम कोर्ट उन्हें राम जन्मभूमि सौंप देता है तो वह पूरी जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए दान कर देंगे। उन्होंने कहा कि वह लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हैं और यह मानते हैं कि जहां पर अयोध्या की उस जगह पर पहले राम मंदिर ही था।
इससे पहले प्रिंस याकूब मीडिया के सामने आए थे तो उन्होंने कहा था कि 1857 में अंग्रेजों से जान बचाकर भागे दिल्ली के शासक बहादुरशाह जफर के वंशज 105 सालों तक भूमिगत रहे। प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने बताया कि अंग्रेज तो जफर के वंश को ही खत्म करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने जफर के 48 बच्चों की हत्या कर दी। लेकिन जफर की 49वीं संतान मिर्जा क्यूएश ने दिल्ली से काठमांडू भागकर जान बचाई थी।
तुसी ने इससे पहले ताजमहल को भी अपनी संपत्ति बताया था बल्कि बाबर के वंशज होने का दावा करते हुए डीएनए रिपोर्ट की कॉपी भी सौंपी अदालत को सौंपी थी जिसमें उन्हें मुगलों का असली वारिस करार दिया गया था। हालांकि डीएनए रिपोर्ट का मिलान किसके साथ हुआ है और वह सही है या नहीं इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है।