सूरत के अस्पताल में बिहारी युवक ने डॉक्टर से कहा-साहब! किडनी बेचनी है, कोई खरीददार है? 9 हजार की पगार में नहीं चल पा रहा घर
 : आर्थिक तंगी से परेशान आरा के वीरेंद्र सिंह की व्यथा सुनकर सन्न रह गए डॉक्टर
आर्थिक तंगी किसी को भी मजबूर बना देती है। नई सिविल अस्पताल में मंगलवार सुबह को ऐसा ही वाक्या सामने आया। ट्रॉमा सेंटर में ऑन ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर को बिहार के आरा जिले के बेल्लाउर निवासी 35 वर्षीय वीरेंद्र सिंह ने अपनी किडनी बेचने का ऑफर किया। युवक ने कहा-साहेब मुझे किडनी बेचनी है। यहां कोई खरीददार है? यह सुनते ही डाॅक्टर स्तब्ध रह गए। एक डाइंग मिल में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने वाला वीरेंद्र ने बताया कि 9000 रुपए की नौकरी में परिवार के भरण-पोषण में मुश्किल हो रही है।परिवार बिहार में है। घर पैसे भेजने हैं। परिवार के भरण-पोषण के लिए किडनी बेचने का निर्णय लिया है।
युवक ने डॉक्टर को बताया कि वह 13 साल से पांडेसरा में रहता है और सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है। महीने का वेतन 9000 रुपए है। बिहार में माता-पिता, पत्नी और दो बेटियों को भरण-पोषण के लिए हर माह 5000 रु. भेजता है और 4000रु. में खुद का गुजारा चलाता है। सुना था कि किडनी बेचने से पैसे मिल सकते हैं। इसलिए मन में अचानक विचार आया और डॉक्टर के कैबिन में आ गया।
मेरे समझाने पर युवक का विचार बदला | युवक को सुनने के बाद मैंने उसे समझाया कि इस तरह से किडनी नहीं बेच सकते हैं। इसके नियम होते हैं। समझाने पर वह किडनी बेचने का विचार छोड़ दिया। मैंने उसे कड़ी मेहनत का रास्ता अपनाने को कहा।