पर्यावरण संरक्षण के लिए आरसीडीएफ सरस दूध के सप्लाई में इस्तेमाल होने वाली पॉलिथीन को वापस लेने की बड़ी पहल करने जा रहा है. इसके लिए आरसीडीएफ स्तर पर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. एमडी डॉ. वीना प्रधान से अनुमति मिलने के बाद इसे संभवत सितंबर में लागू किया जा सकता है. प्रस्ताव के तहत उपभोक्ताओं से 10 रुपए प्रति किलो के हिसाब से दूध की खाली थैलियां बूथ एजेंट खरीद करेंगे.
इसके बदले बूथ संचालकों को 2 रुपए कमिशन के साथ 12 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से मिलेंगे. सरस बूथ से खाली थैलियों को इकठ्ठा करने का काम संबंधित क्षेत्र में दूध सप्लाई करने वाला डिस्ट्रीब्यूटर का रहेगा. डिस्ट्रीब्यूटर थैलियों को डेयरी में जमा कराएगा. इसके बदले भी उन्हें कुछ कमिशन दिया जाएगा. थैलियां एकत्रित करने के बदले में सरस बूथ संचालकों को डेयरियों की तरफ से नि:शुल्क कांटा मुहैया कराने का प्रस्ताव है. बूथों पर उपभोक्ता प्रत्येक माह की 1 से 8 तारीख तक थैलियां जमा करा सकते हैं. जमा कराई गई थैलियों के बदले मिलने वाली राशि उपभोक्ता चाहे तो सरस दूध में एडजेस्ट कर सकता हैं या फिर नगद प्राप्त कर सकते हैं.
डेयरी में इकठ्ठा होने वाली थैलियों को टेंडर के जरिए अभी तो रिसाइक्लिंग करने वाली कंपनी को दिय जाएगा. इसके बाद डेयरियों को रिसाइक्लिंग प्लांट स्थापित करना होगा. वर्तमान में भीलवाड़ा डेयरी, दिल्ली की एक कंपनी को सरस दूध की रिसाइकिल होने वाली थैलियां सप्लाई कर रही है. बाद में डेयरी में प्लांट स्थापित किया जाएगा.