केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नेताओं को मिली सुरक्षा की समीक्षा की है। इसके तहत मंत्रालय ने कुछ नेताओं की सुरक्षा को वापस लेने का आदेश जारी किया है। इसके तहत अब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मिली एसपीजी सुरक्षा को वापस ले लिया है। अब वह जेड प्लस सुरक्षा कवर में रहेंगे।
भारत में सुरक्षा की श्रेणी खतरे के स्तर के साथ एक स्टेटस सिंबल भी माना जाता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) की सिफारिश पर हर साल विशिष्ट लोगों की सुरक्षा की समीक्षा करता है। खतरे के स्तर को देखते हुए विशिष्ट और अति विशिष्ट लोगों को विभिन्न स्तर की सुरक्षा दी जाती है।
एसपीजी सुरक्षा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गांधी परिवार को एसपीजी की सुरक्षा प्राप्त है। यह सुरक्षा का सबसे ऊंचा स्तर होता है। इसमें तैनात कमांडो के पास अत्याधुनिक हथियार और संचार उपकरण होते हैं।
पहले यह सुरक्षा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी मिली हुई थी लेकिन आईबी रिपोर्ट की समीक्षा के बाद खतरे के कम स्तर को देखते हुए उनसे यह सुरक्षा वापस ले ली गई है।
जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा
स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप की सुरक्षा के बाद जेड प्लस भारत की सर्वोच्च सुरक्षा श्रेणी है। इस श्रेणी में संबंधित विशिष्ट व्यक्ति की सुरक्षा में 36 जवान लगे होते हैं। इसमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो के साथ दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो और राज्य के पुलिसकर्मी शामिल होते हैं।
हर कमांडो मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध करने की कला में माहिर होता है। सुरक्षा में लगे एनएसजी कमांडो के पास एमपी 5 मशीनगन के साथ आधुनिक संचार उपकरण भी होता है। इसके अलावा इनके काफिले में एक जैमर गाड़ी भी होती है जो मोबाइल सिग्नल जाम करने का काम करती है। देश में चुनिंदा लोगों को ही जेड प्लस की सुरक्षा प्राप्त है।
जेड श्रेणी की सुरक्षा
जेड श्रेणी की सुरक्षा में चार से पांच एनएसजी कमांडो सहित कुल 22 सुरक्षागार्ड तैनात होते हैं। इसमें दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो व स्थानीय पुलिसकर्मी भी शामिल होते हैं।
वाई श्रेणी की सुरक्षा
यह सुरक्षा का तीसरा स्तर होता है। कम खतरे वाले लोगों को यह सुरक्षा दी जाती है। इसमें कुल 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। जिसमें दो पीएसओ (निजी सुरक्षागार्ड) भी होते हैं। इस श्रेणी में कोई कमांडो नहीं तैनात होता है। देश में सबसे ज्यादा लोगों को वाई श्रेणी की सुरक्ष दी गई है।
एक्स श्रेणी की सुरक्षा
इस श्रेणी में दो सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं। जिसमें एक पीएसओ (व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी) होता है। देश में काफी लोगों को एक्स श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है।
कुछ महीने पहले गृह मंत्रालय ने सुरक्षा समीक्षा के आधार पर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, बिहार के सारण से भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी की सुरक्षा हटा दी थी। वहीं बिहार के जमुई से लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद चिराग पासवान की सुरक्षा में लगे सीआरपीएफ जवानों को वापस बुला लिया गया था। चिराग की सुरक्षा श्रेणी में कटौती करते हुए अब उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।
इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्र का नाम केंद्रीय सुरक्षा सूची से हटा लिया गया था। अब उन्हें सिर्फ यूपी में जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। पहले उन्हें दिल्ली पुलिस और यूपी में सीआरपीएफ की सुरक्षा प्राप्त थी।