केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) के दूसरे कार्यकाल में सरकारी विभागों की सफाई यानी ‘नाकारा अफसरों’ को निकालने का सिलसिला लगातार जारी है. सरकार ने सोमवार, 26 अगस्त को एक बार फिर टैक्स विभाग (Tax Department) के 22 सीनियर अफसरों को जबरन रिटायर (Compulsory Retirement) करने का फैसला लिया है. इससे पहले भी टैक्स विभाग के ही 12 वरिष्ठ अफसरों को जबरन रिटायर कर दिया गया था. आपको बता दें कि इसके पहले जून महीने में भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) का कार्यभार संभालते ही सख्त फैसला लेते हुए कई बड़े अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया था. डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स के नियम 56 के तहत वित्त मंत्रालय के इन अफसरों को सरकार समय से पहले ही रिटायरमेंट दे रही है.
टैक्स विभाग में पहले भी कई बड़े अधिकारियों को दिया जा चुका है जबरन रिटायरमेंट- जून महीने में नियम 56 के तहत रिटायर किए गए सभी अधिकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में चीफ कमिश्नर, प्रिंसिपल कमिश्नर्स और कमिश्नर जैसे पदों पर तैनात थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक इनमें से कई अफसरों पर कथित तौर पर भ्रष्टाचार, अवैध और बेहिसाब संपत्ति जैसे गंभीर आरोप थे.
आपको बता दें कि नियम 56(J) के तहत केंद्र सरकार नाकारा सरकारी अधिकारियों को घर भेजना चाहती है. 50 साल से अधिक के अधिकारियों को घर भेजकर युवाओं को सिस्टम में शामिल करने से ब्यूरोक्रेसी की क्षमता बेहतर बनाई जा सकेगी. केंद्रीय सतर्कता आयुक्त और अन्य निगरानी समिति की मदद से भ्रष्ट कर्मियों पर नजर रखी जाएगी.
इस नियम के तहत किया जबरन रिटायर- सेंट्रल सिविल सर्विसेज 1972 के नियम 56(J) के हिसाब से 30 साल तक सेवा पूरी कर चुके या 50 साल की उम्र पर पहुंच चुके अधिकारियों की सेवा सरकार समाप्त कर सकती है. >> उन्हें नोटिस और तीन महीने के वेतन-भत्ते देकर घर भेजा जा सकता है. ऐसे अधिकारियों के काम की हर तीसरे महीने समीक्षा की जाती है और अगर उन पर भ्रष्टाचार या अक्षमता/अनियमितता के आरोप पाए जाते हैं तो जबरन रिटायरमेंट दिया जा सकता है.
>> सरकार के पास यह विकल्प दशकों से मौजूद है, लेकिन अब तक गंभीरता से इस पर कारवाई नहीं की जाती थी. इस सरकार में भी साल 2014, 2015 और 2017 में इस नियम पर गंभीरता के अमल करने के आदेश दिए गए, इस टर्म में सरकार अब कमर कसके इसे लागू कराने के प्रयास में जुटी है.
>> इस नियम में अब तक ग्रुप ए और बी के अधिकारी ही शामिल थे, अब ग्रुप सी के अधिकारी भी इसमें आ गए हैं. केंद्र सरकार ने सभी केंद्रीय संस्थानों से इस बारे में मासिक रिपोर्ट मंगाना शुरू कर दिया है.
>> सरकार के जरिए ऐसे अधिकारियों को अनिर्वाय रिटायरमेंट दिया जा सकता है. ऐसा करने के पीछे सरकार का मकसद नॉन-फॉर्मिंग सरकारी सेवक को रिटायर करना होता है.