हरियाणा हाई कोर्ट ने सोमवार को हनीप्रीत की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. अदालत के इस फैसले ने बाबा की चहेती हनीप्रीत को मुश्किल में डाल दिया है. इससे पहले भी हनीप्रीत की ओर से स्थानीय अदालत में जमानत याचिका दायर की गई थी. जिसे खारिज कर दिया गया था. उसी के बाद हनीप्रीत ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा की खासमखास रही हनीप्रीत अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगी. हाई कोर्ट के जज जस्टिस सुरेंद्र गुप्ता ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. इससे पहले भी हनीप्रीत की याचिका निचली अदालत से खारिज हो गई थी. ऐसे में हनीप्रीत का जमानत पर जेल से बाहर निकलना मुश्किल लग रहा है. हालांकि जज साहब ने हनीप्रीत की जमानत याचिका को चीफ जस्टिस के पास भेज दिया.
आपको बता दें कि गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद अगर कोई शख्स सबसे ज्यादा सुर्खिय़ों में था, तो वो थी हनीप्रीत उर्फ प्रियंका तनेजा. बाबा की सबसे खास और अहम राजदार हनीप्रीत इस वक्त जेल में बंद है. वो हर दिन जेल से बाहर आने की कवायद कर रही है. लेकिन उसकी तमाम कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं. हनीप्रीत की डेरे में अहम भूमिका थी. वहां होने वाले हर फैसले में उसकी सहमति भी ज़रूरी होती थी. आखिर कौन है हनीप्रीत. हम आपको बताने जा रहे हैं हनीप्रीत के बारे में वो सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं.
कौन है हनीप्रीत
जिस हनीप्रीत इंसा को आप जानते हैं, उसका असली नाम प्रियंका तनेजा है. जी हां, सही सुना आपने प्रियंका तनेजा. उसके पिता रामानंद तनेजा हैं, जबकि मां का नाम आशा तनेजा है. उसका एक भाई साहिल तनेजा और एक बहन नीशु तनेजा है. वह मूल रूप से फतेहाबाद, हरियाणा की रहने वाली है.
ऐसे डेरे में आई थी हनीप्रीत
मूल रूप से हरियाणा के फतेहाबाद जिले की रहने वाली प्रियंका तनेजा 1996 में पहली बार डेरे के कॉलेज में 11वीं क्लास में पढ़ने के लिए आई थी. पहले डीएवी स्कूल फतेहाबाद से उसने दसवीं की परीक्षा पास की थी. डीएवी स्कूल में प्रियंका की तत्कालीन क्लास टीचर सुनीता मदान के मुताबिक वो पढ़ने में तेज नहीं थी. मगर उसे नाचने, गाने और अभिनय का बहुत शौक था. जब वह डेरे में आई तो उसी साल राम रहीम लड़कियों को आर्शीवाद देने के बहाने उनके स्कूल में आया. तभी उसकी नजर प्रियंका तनेजा पर पड़ी.
प्रियंका बन गई राम रहीम की हनीप्रीत
कुछ समय बाद ही राम रहीम ने प्रियंका तनेजा को अपने वश में कर लिया. और फिर उसका नया नाम करण किया गया. अब प्रियंका राम रहीम की हनीप्रीत बन चुकी थी. धीरे-धीरे हनीप्रीत और राम रहीम की नजदीकियां बढ़ने लगी. ऐसे में बाबा के राज भी हनीप्रीत के सामने आने लगे. हनीप्रीत अब गुरमीत की सबसे करीबी बन गई थी. गुरमीत उस पर इतना मेहरबान था कि उसे कभी डेरे से बाहर नहीं जाने दिया. उसकी पढ़ाई लिखाई सब डेरे में ही करवाई गई. वहीं पर उसके नाम पर कई बड़े कारोबार शुरू किए गए.
राम रहीम का भक्त था हनीप्रीत का परिवार
दरअसल, प्रियंका तनेजा का पूरा परिवार पिछले कई सालों से डेरे का अनुयायी है. आज भी डेरे में कई बड़े प्रोजेक्ट हनीप्रीत के नाम से चल रहे हैं. यही नहीं उसके भाई साहिल तनेजा को भी गुरमीत का आर्शीवाद मिला. वह डेरे में बड़े स्तर पर कारोबार करता है. हनीप्रीत के पिता रामानंद तनेजा पहले पुरानी दिल्ली के सामने एमआरएफ टायर्स का शोरूम चलाते थे. जिसका नाम सच टायर्स था. लेकिन बाद में उन्होंने डेरे में ही एक बड़ा सीड प्लांट डाल लिया. हनीप्रीत की एक छोटी बहन है नीशु तनेजा, जिसकी शादी गुड़गांव में हुई है. बताय़ा जाता है कि उसकी शादी में भी बाबा का खास योगदान था.
पिता को मिली थी अहम जिम्मेदारी
इसी तरह से हनीप्रीत के चाचा अभी भी सिरसा के परशुराम चौक पर एमआरएफ टायर का शोरूम चलाते हैं. उसके मामा और कई रिश्तेदार सिरसा के मुख्य मार्गों पर टायरों का कारोबार करते हैं. हनीप्रीत के नाम पर डेरे के अंदर एक बुटीक भी है. अब उसके पिता रामानंद तनेजा डेरा की पर्चेजिंग कमेटी के हेड हैं. बाजार का सारा लेन-देन उनके जिम्मे था.
केवल नाम की शादी
प्रियंका तनेजा उर्फ हनीप्रीत और विश्वास गुप्ता की शादी 14 फरवरी, 1999 को डेरा प्रमुख राम रहीम ने ही कराई थी. हालांकि दोनों की शादी ज्यादा दिन नहीं चल सकी. कुछ समय बाद हनीप्रीत ने राम रहीम से शिकायत की कि उसके ससुराल वाले उसे दहेज के लिए परेशान कर रहे हैं. बताया जाता है कि राम रहीम ने हनीप्रीत की शादी तो गुप्ता से कराई थी, लेकिन उसे कभी भी हनीप्रीत के साथ संबंध बनाने नहीं दिया गया.
2009 में राम रहीम ने लिया था गोद
इसके बाद राम रहीम ने साल 2009 में उसे गोद ले लिया. राम रहीम की खुद की दो बेटियां और एक बेटा है. उनके नाम अमनप्रीत, चमनप्रीत और जसमीत इंसा हैं. इसके बाद साल 2011 में विश्वास गुप्ता ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में मुकदमा दायर कर राम रहीम के कब्जे से उसकी पत्नी यानी हनीप्रीत को मुक्त कराने की मांग की थी. गुप्ता ने राम रहीम पर हनीप्रीत के साथ अवैध संबंध होने का भी आरोप लगाया था.
हनीप्रीत उन चंद डेरा समर्थकों में से एक है जिसकी गिनती राम रहीम के करीबियों में होती है. वह डेरा के कई महत्वपूर्ण फैसले लेने के साथ ही राम रहीम की फिल्मों को भी डायरेक्ट कर चुकी है. उसने ‘MSG: द वॉरियर लॉयन हार्ट’ का भी निर्देशन किया है. राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के दौरान वह कोर्ट रूम से लेकर जेल भेजे जाने तक साये की तरह राम रहीम के साथ नजर आई थी.
बाबा राम रहीम कोई भी फैसला लेने से पहले सिर्फ हनीप्रीत से ही सलाह लेता था. बाबा की इस बेबी के हाथ में डेरे की सभी चाबियां रहती थीं. पैसे से लेकर हर वो फैसला जो डेरे से संबंधित होता था, वो हनीप्रीत की करती थी. हनीप्रीत ही राम रहीम के फिल्म प्रोडक्शन का काम संभालती थी. बाबा की सारी फिल्में हनीप्रीत ने ही डायरेक्ट की थीं.