कभी पिछली यूपीए सरकार को रुपए की गिरावट पर पानी पी-पीकर कोसने वाली बीजेपी के दौरान में रुपया हलकान है। लगातार रसातल में जाते रुपए ने मंगलवार को पूरे 100 पैसे का गोता खाया और एक समय इसका भाव एक डॉलर के मुकाबले 72.40 तक पहुंच गया। कारोबार खत्म होते वक्त भी 99 पैसे की गिरावट के साथ ही 72.39 पर बंद हुआ।
मंगलवार को कारोबार की शुरुआत में रुपया 55 पैसे की गिरावट के साथ 71.95 पर खुला था। शुक्रवार को रुपया 71.40 पर बंद हुआ था। कल यानी सोमवार को गणेश चतुर्थी की वजह से बाजार बंद थे, इसलिए ट्रेडिंग नहीं हुई थी। लेकिन मंगलवार को जब बाजार खुला तो रुपए ने ऐसा गोता लगाया कि बाजार में अफरा-तफरी देखने को मिली।
ध्यान रहे कि बीचे पांच साल के दौरान रुपए की कीमत में करीब बीस फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। कारोबारियों के मुताबिक चीन के ट्रेड पर अमेरिका द्वारा नया शुल्क लगाने और जवाब में चीन के भी शुल्क बढ़ाने की खबरों से रुपए पर दबाव बना। इसके अलावा पिछले दिनों आई विकास दर के आंकड़ों का दबाव भी करेंसी मार्केट में देखने को मिला। आंकड़ों के मुताबिक देश की विकास दर पिछली तिमाही में सिर्फ 5 फीसदी दर्ज की गई है, जो कि साढ़े 6 साल का निचला स्तर है।
वैसे भी हाल के दिनों में अर्थव्यवस्था की हकीकत परत दर परत खुलती जा रही है। विकास दर के गर्त में जाने की खबरों के बीच अगस्त में वाहनों की बिक्री में आई भारी गिरावट की जानकारी आई है। इसका असर भी करेंसी बाजार पर पड़ा है।
ध्यान रहे कि बीते 5 साल के दौरान रुपए की कीमत में डॉलर के मुकाबले करीब बीस फीसदी की गिरावट आई है। लेकिन इससे भी बड़ी चिंता की बात यह है कि रुपया कमजोर होने के बाद भी देश के निर्यात में कोई बढ़ोत्तरी देखने को नहीं मिली है। आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि 3 सितंबर 2014 को एक डॉलर 60.49 रुपए पर था जो 3 सितंबर 2019 को 72.30 पर पहुंच गया।