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सोनिया का MP के नेताओं को निर्देश- मतभेद सुलझाएं, बयान देने से बचें




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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के बीच जारी मतभेद से खुश नहीं हैं. उन्होंने मध्य प्रदेश इकाई के सभी गुटों को सख्त निर्देश दिया है. सोनिया गांधी ने कहा है कि वे अपने मतभेदों को सुलझाएं और एक-दूसरे के खिलाफ सार्वजनिक बयान देने से बचें.

सोनिया गांधी ने ये निर्देश तब जारी किया है जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों ने उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाने की मांग की. इसके अलावा मध्य प्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर परदे के पीछे रहकर सरकार चलाने के गंभीर आरोप लगाए.

बता दें कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के कई विधायकों ने कमलानथ के नेृतत्व वाली सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. पार्टी आलाकमान की ओर से निर्देश जारी होने के बाद लग रहा है कि सिंधिया ने अपने समर्थकों से प्रचार को बंद करने को कहा है.

सिंधिया के समर्थक और कमलनाथ सरकार के कुछ मंत्री राज्य में बैनर और पोस्टर लगाकर उनके लिए प्रचार कर रहे थे. वे सिंधिया को मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं. सोनिया गांधी के निर्देश का असर भी दिखने लगा है. सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने वाले पोस्टर जो राजधानी भोपाल में लगे थे उसे हटा दिया गया है.

कमलनाथ ने की बैठक

इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजनीतिक मामलों की एक कैबिनेट उप समिति की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें वन मंत्री उमंग सिंघार भी मौजूद थे. बैठक के बाद मंत्रियों ने कांग्रेस नेताओं में चल रहे मतभेद पर बयान देने से इनकार कर दिया.

प्रदेश कांग्रेस के नेता जिस तरह से सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे के खिलाफ बयान दे रहे हैं उसका कमलनाथ सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों पर भी पड़ रहा है. निर्दलीय विधायक सुरेन्द्र सिंह शेरा ने कहा कि यह सरकार जिस तरह से काम कर रही है, ऐसा प्रतीत होता है कि भूकंप आया है.

उन्होंने कहा कि सात विधायक सरकार को समर्थन दे रहे हैं. जो भी हालात हैं उसको साफ करना चाहिए. क्योंकि उनका भविष्य इस सरकार पर ही निर्भर है.

वहीं दिग्विजय सिंह और उमंग सिंघार के बीच चाय पर प्रस्तावित बैठक की भी संभावना नहीं है. दिग्विजय ने सिंघार को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने मिलने का समय मांगा था. जवाब में वन मंत्री ने कहा था पूर्व मुख्यमंत्री का 4 सितंबर को स्वागत है. इसके जवाब में दिग्विजय सिंह ने कहा कि वे 6 सितंबर को वापस भोपाल लौटेंगे. सिंघर ने दिग्विजय को लिखा कि आपका 6 सितंबर को भी स्वागत है. लेकिन लगता नहीं है कि अब दोनों नेताओं में कोई बैठक होगी.