Home व्यापार ऑटो सेक्टरः अभी दूर है मंजिल, GST बैठक में टैक्स राहत मिलना...

ऑटो सेक्टरः अभी दूर है मंजिल, GST बैठक में टैक्स राहत मिलना मुश्किल




IMG-20240704-WA0019
IMG-20220701-WA0004
WhatsApp-Image-2022-08-01-at-12.15.40-PM
1658178730682
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.50-PM
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.48-PM
  • अगस्त में भी बिक्री में 21 फीसदी की गिरावट आई
  • 20 सितंबर को गोवा में होगी जीएसटी काउंसिल की बैठक
  • 28 फीसदी जीएसटी को घटाकर 18 फीसदी करने की मांग

घरेलू ऑटोमोबिल इंडस्ट्री की हालत सुधरती नहीं दिख रही. अगस्त में भी बिक्री में 21 फीसदी की गिरावट आई है. सरकार ने फिर यह संकेत दिया है कि जीएसटी रेट में कटौती हो सकती है, लेकिन इस बात की संभावना बेहद कम दिख रही है कि 20 सितंबर को गोवा में होने वाली इस बार की जीएसटी काउंसिल में यह राहत मिलेगी.

ऑटोमोटिव कम्पोनंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ACMA) के सालाना सम्मेलन को संबोधित करते हुए वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को इंडस्ट्री के तमाम वर्गों से जीएसटी रेट में कटौती के लिए अनुरोध मिला है, इस पर विचार हो रहा है, लेकिन ऑटो इंडस्ट्री के लोगों को राज्यों के वित्त मंत्रियों से भी इसके लिए संपर्क करना चाहिए, क्योंकि वे भी जीएसटी काउंसिल का हिस्सा हैं.

गौरतलब है कि ऑटो इंडस्ट्री के लोग कारों पर लगने वाले 28 फीसदी के जीएसटी को घटाकर 18 फीसदी करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कई राज्य सरकारें ही इस पर सहमत नहीं दिख रहीं.

वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘जीएसटी रेट में किसी भी तरह की कटौती को सबसे पहले जीएसटी फिटमेंट कमिटी की मंजूरी लेनी होगी और इसके बाद काउंसिल की अगली मीटिंग में इसे विचार के लिए रखा जाएगा. हम इसे काउंसिल की बैठक में रखने के लिए तैयार हैं, लेकिन ज्यादातर निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाते हैं. मैं इस इंडस्ट्री के लोगों से यह कहना चाहूंगा कि वह अलग-अलग राज्यों के वित्त मंत्रियों से भी बात करें जो जीएसटी काउंसिल के सदस्य हैं.’

विरोध में कई राज्य

सूत्रों का कहना है कि फिटमेंट कमिटी पहले से ही ऑटो सेक्टर के लिए जीएसटी रेट कटौती पर विचार कर रही है, लेकिन काउंसिल के सदस्य कई राज्यों के वित्त मंत्री इसके खिलाफ हैं. रेट घटने से राज्यों को राजस्व का भारी नुकसान होगा. तो इस बार अगर काउंसिल में सर्वसम्मति नहीं बनी तो इस प्रस्ताव को फिर से एक बार विचार के लिए फिटमेंट कमिटी को भेजा जा सकता है.

ऑटो इंडस्ट्री की हालत बेहद खस्ता है. पिछले करीब एक साल से इस सेक्टर की बिक्री में गिरावट देखी जा रही है. इसलिए इस इंडस्ट्री से जुड़े लोग जीएसटी रेट में कटौती के लिए तगड़ी लॉबिइंग कर रहे हैं. टाटा मोटर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ गुएंटर बुतशेक ने कहा, ‘मौजूदा संकट से बाहर निकलने और त्योहारी सीजन का फायदा उठाने के लिए हमें सरकार की साफ राय अभी जाननी है. सरकार यदि किसी भी वजह से जीएसटी में कटौती करने में सक्षम नहीं है, तो हमें अभी साफ-साफ बता दें. अभी ग्राहक इस वजह से भी शोरूम में नहीं आ रहे, क्योंकि उन्हें लगता है कि 20 सितंबर के बाद बेहतर डील मिल सकती है.’