छत्तीसगढ़ सरकार ने हजार करोड़ स्र्पये का नया कर्ज लिया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के माध्यम से लिए इस कर्ज को सरकार 7.28 फीसद ब्याज के साथ आठ वर्ष में लौटाएगी। महीनेभर के भीतर सरकार ने दूसरी बार कर्ज लिया है। इससे पहले सरकार ने 23 अगस्त एक हजार करोड़ स्र्पये का कर्ज लिया था जिसे सरकार ने 7.03 फीसद ब्याज के साथ सात वर्ष में लौटाने का वादा किया था ।
मार्च 2019 में खत्म हुए वित्तीय वर्ष के दौरान सरकार ने लगभग हर सप्ताह कर्ज लिया था, लेकिन नए वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में सरकार ने एक भी बार प्रतिभूति के बदले कर्ज नहीं लिया। दूसरी तिमाही में फिर कर्ज लेने का सिलसिला शुरू हो गया है।
वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार सरकार अभी और कर्ज ले सकती है। अफसरों के अनुसार अभी जो कर्ज लिया जा रहा है यह सब पुराने हिसाब में जा रहा है। यानी पहले जो कर्ज माफी और धान बोनस दी गई है उसके लिए। सरकार इस वर्ष कर्ज माफी तो नहीं करेगी, लेकिन धान बोनस देगी। ऐसे में नवंबर के बाद इसके लिए भी कर्ज लिया जाएगा।
15 राज्यों ने लिया कुल 20350 करोड़ का कर्ज
छत्तीसगढ़ समेत कुल 15 राज्यों ने 20350 करोड़ का कर्ज लिया है। इसमें पश्चिम बंगाल व राजस्थान ने सबसे ज्यादा तीन-तीन हजार करोड़, उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र ने दो-दो हजार, तेलंगाना व पंजाब-15-15 सौ, गुजरात 16 सौ करोड़ और छत्तीसगढ़ आंध्रप्रदेश, बिहार, हरियाणा व तमिलनाडु ने हजार- हजार करोड़ लिया है। असाम ने पांच सौ, नगालैंड ने 150 करोड़ और मेघालय ने सौ करोड़ कर्ज लिया है।
दिसंबर 2018 से अब तक का कर्ज
आरबीआइ- 12400
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक- 557.01
एशियन डेवलपमेंट बैंक- 217.31
कुल- 13174.32
65 हजार करोड़ के करीब पहुंचा कर्ज
राज्य सरकार पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है। अब तक सरकार करीब 65 हजार करोड़ स्र्पये का कर्ज ले चुकी है। इसमें से 13 हजार के आसपास मौजूदा सरकार ने लिया है, जबकि बाकी कर्ज पूर्ववर्ती सरकार ने लिया था।