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भारतीय आर्मी को जल्द मिलेगा नया आर्मी चीफ, ये हैं तीन नाम जो रेस में सबसे आगे




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वर्तमान में भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल रावत 31 दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं। जिसके कारण नए सेनाध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बुधवार को अधिकारियों ने नियुक्ति की प्रक्रिया के शुरू होने की जानकारी दी। नए सेनाध्यक्ष की रेस में लेफ्टिनेंट जनरल एमएम नरावने, लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह और लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैन सबसे आगे चल रहे हैं।

रक्षा मंत्रालय का नहीं होता है ज्यादा दखलंदाजी

मौजूदा सेनाध्यक्ष के रिटायर होने से चार-पांच माह पहले ही नए सेनाध्यक्ष के नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है। सेनाध्यक्ष की नियुक्ति पर आखिरी फैसला पीएम मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट की नियुक्ति कमेटी ही लेगा। इस नियुक्ति प्रक्रिया में रक्षा मंत्रालय का ज्यादा दखल नहीं होता है। बता दें कि इस नियुक्ति कमेटी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अकेले मंत्री हैं, जो इसमें शामिल हैं।

चयन प्रक्रिया में किया गया बदलाव

पहले के समय में नए सेनाध्यक्ष के चयन का एलान मौजूदा सेनाध्यक्ष के रिटायर होने से एक महीने पहले या फिर 45 दिन पहले होता था, लेकिन अब चयन प्रक्रिया में बदलाव कर दिया गया। नए सेनाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर प्रक्रिया उस वक्त शुरू की गई है जब मौजूदा सेनाध्यक्ष बिपिन रावत रिटायर होने वाले हैं और पाकिस्तान के साथ भारत का तनाव गहराया हुआ है।

37 साल दे चुकें हैं आर्मी की सेवा में

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत इस साल 31 दिसंबर को सेवानिवृत हो जाएंगे। ऐसे में नारावने सबसे वरिष्ठ अधिकारी होंगे। अपने 37 साल के सेवाकाल में लेफ्टिनेंट जनरल नारावने ने अलग-अलद पदों और क्षेत्रों मेंअपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने पूर्वी मोर्चे पर एक इन्फैंट्री ब्रिगेड और जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय रायफल बटालियन का नेतृत्व भी किया है।

लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह

लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह भारतीय सेना के सैन्य अभियान महानिदेशक ( डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स, डीजीएमओ ) हैं। 29 सितंबर साल 2016 को लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह के निर्देशन में भारतीय सेना के एक दस्ते ने पहली बार एलओसी पार करके पाकिस्तानी क्षेत्र में जाकर आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया।

लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी

साल 1981 में जाट रेजमेंट के 7वीं बटालियन में बतौर सेकेंड लेफ्टिनेंट उन्होंने सेवाएं शुरू की थी। जनरल सैनी 39 वर्षों से सैन्य सेवाओं में हैं। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों और सैन्य ऑपरेशन में भाग लिया है। लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी जाट रेजीमेंट की 7वीं बटालियन को कमांड करने के अलावा एक माउंटेन ब्रिगेड और जम्मू कश्मीर में काउंटर इनसर्जेंसी फोर्स को कमांड कर चुके हैं।

डिफेंस और स्ट्रेटेजिक स्टडीज में तीन मास्टर्स डिग्री के अलावा कई विदेशी जनरल में उनके कई लेख प्रकाशित हो चुके है। उन्हें गैलेंट्री और उल्लेखनीय सेवाओं के लिए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन, आर्मी कमांडर कमेंडेशन, युद्ध सेवा मेडल और अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है।