छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कांग्रेस (Congress) की सरकार बनने से पहले प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी (liquor Confinement) को लेकर लगातार आवाज उठा रही थी. इतना ही नहीं पार्टी अपने चुनावी मुद्दे में भी प्रदेश में शराबबंदी के मुद्दे को लेकर चुनाव लड़ी थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद छत्तीसगढ़ की कांग्रेस (Congress) सरकार अपने इस वायदे को लेकर फिलहाल कोई ठोस कदम उठाती नजर नहीं आ रही है. इस बीच, बालोद जिले की महिला कमांडो इस शराबबंदी के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है. ये महिलाएं गांव को नशा मुक्त करने और स्वच्छ रखने के प्रयास में जुटी हुई हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक, महिला कमांडो के चलते अब बालोद (Balod) जिले के कई गांवों की तस्वीर बदल गई है. बिना कुछ राशि या वेतन लिये ये महिलाएं पूरी निष्ठा से अपने काम में लगी हुई हैं. आंकड़ों पर नजर डालें तो बालोद (Balod) जिले में कुल 421 ग्राम पंचायत सहित प्रदेश के करीब 11 जिलो में अब तक 45 हजार महिला कमांडो का गठन किया जा चुका है. इनमें से बालोद जिले के करीब 300 से अधिक गांवों में कुल 10 हजार से अधिक महिलाएं सक्रिय हैं, जो वर्ष 2006 से लेकर आज तक शराबबंदी अभियान की मुहिम में जुटी हैं.
इस बीच 13 सालों से शराबबंदी में जुटी ये महिलाएं भी मान रही हैं कि पिछली सरकार की अपेक्षा वर्तमान कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में अवैध शराब की बिक्री बढ़ी है. बालोद में अब करीब दस हजार महिलाएं शराबबंदी और नशामुक्ति को लेकर आंदोलन कर रही हैं. महिला कमांडो भिमेश्वरी शांडिल्य का कहना है कि बिना पारिश्रामिक लिए संगठन की महिला सदस्य काम कर रही हैं. शाम होते ही गांव में ये महिला कमांडो समूह गांव का भ्रमण करती हैं और गांव में असमाजिक तत्वों पर नकेल कसती हैं. देर रात तक धूमने और बैठे रहने वालों को मना करती हैं. साथ ही शराब पीने वाले पर नियंत्रण रखती हैं.
समाजसेवी पद्मश्री शमशाद बेगम का कहना है कि महिला कमांडो की सदस्य न सिर्फ नशामुक्ति, बल्कि गांव के आसपास खुले मे शौच करने वालों को भी मना करती हैं. गांव में आज ये महिला कमांडो बेहद सक्रिय हो चुकी हैं. महिला कमांडो की सदस्य पुनेश्वरी साहू का कहना है कि मुहिम के बाद कई जिलो में अवैध शराब बिक्री में काफी लगाम लगाई जा चुकी थी, लेकिन पिछले छह माह में प्रदेश में नई सरकार आने के बाद फिर एक बार अवैध शराब बिक्री बढ़ने लगी है.