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पंजाब का पेरिस घूमने का यही है सही समय, भूल जायेंगे असली पेरिस…




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कपूरथला का नाम तो सुना ही होगा आपने अपनी खूबसूरती और मनमोहक दृश्य के लिए जाना जाने वाला यह पर्यटन स्थल आकर्षण का बेहद ही खूबसूरत केंद्र है । पंजाब के कपूरथला को पंजाब का पेरिस भी कहा जाता है ,क्‍योंकि यहां पर नायब वास्‍तुशिल्‍प के अनेक उदाहरण मौजूद हैं। पंजाब के पेरिस के नाम से प्रसिद्ध इस शहर की शिल्प निर्माण में इंडो-सारसेन और फ्रांसीसी शैली की बेहतरीन झलक देखने को मिलती है। 11वीं शताब्दी में जैसलमेर के भाटी राजपूत कबीले द्वारा इस शहर का निर्माण किया गया था। इस शहर पर किसी ज़माने में महान अहलूवालिया राजवंश का शासन हुआ करता था। ये शहर अपनी शानदार प्राचीन इमारतों के साथ साथ रोचक इतिहास और खूबसूरत संस्कृति के लिए भी काफी मशहूर है।

आइए जानते हैं कि पंजाब के पेरिस में कौन कौन सी जगह हैं जो आपको असली पेरिस की याद दिला देंगे। कपूरथला में बहुत ही खूबसूरत और हसीं वादियों का नजारा आपको देखने को मिलता है।

हवाई मार्ग द्वारा पहुंचे कपूरथला-

कपूरथला पहुंचने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा अमृतसर में पड़ता है। अमृतसर में स्थित राजा सांसी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा यहाँ से सबसे नजदीक है जो शहर से लगभग 82 किमी दूर है।

रेल मार्ग-

रेल मार्ग के जरिए कपूरथला रेलवे स्टेशन शहर के बीच में स्थित है। सड़क मार्ग द्वारा: कपूरथला रोड के माध्यम से अपने आसपास के शहरों से बखूबी जुड़ा हुआ है। कपूरथला बस स्टेशन के जरिये भी कपूरथला आसानी से पहुंचा जा सकता है।

कपूरथला जाने का सही समय-

हालाँकि कपूरथला इतनी खूबसूरत जगह है की आप यहाँ कभी भी जाएं यही के होकर रह जायेंगे, लेकिन मौसम के अनुसार कपूरथला जाने का सही समय अक्टूबर से मार्च के सर्दी के महीने में होता है। कपूरथला शहर की यात्रा के लिए यह समय सबसे अनुकूल और खूबसूरत होता है। इस समय मौसम सुहावना रहता है और तापमान भी 15-20 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है।

कपूरथला के दर्शनीय स्‍थल-

एलिसी पैलेस-

कपूरथला में वास्तुकला के लिए मशहूर इमारतों की बिलकुल कमी नहीं है इन्‍हीं नायाब नमूनों में से एक है एलिसी पैलेस। सन् 1962 में कंवर बिक्रम सिंह द्वारा महल की इंडो-फ्रेंच वास्तुकला अपने समय की शिल्प और समृद्धि को बयान करती है। इस महल को आज के समय एक मोंटगोमर नाम के गुरु नानक स्कूल में बदल दिया गया है।

जगजीत महल –

यह महल राजवंशों से जुड़ा है कपूरथला के पूर्व महाराजा जगतजीत सिंह कभी इस महल में रहा करते थे। जगतजीत पैलेस 1908 से ही अस्तित्‍व में है। वर्साइल के भव्य महल के बाद इंडो-सराकेन वास्तुशिल्‍प की मदद से इस महल की नकासी कर बनवाया गया। जगतजीत पैलेस में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के लिए लड़कों को प्रशिक्षित करने के लिए एक सैनिक स्कूल भी है जहाँ उन्हें शिक्षा दी
जाती है। यह महल कपूरथला के सबसे खूबसूरत और शानदार स्थलों में से एक है।

कांजली वेटलैंड-

कांजली वेटलैंड बहुत ही रोचक जगह है। इसे 1870 में ब्यास नदी के आसपास के इलाकों में सिंचाई सुविधा के लिए 56 वर्ग मीटर जमीं में कांजली वेटलैंड स्थित है। मानव निर्मित वेटलैंड पिकनिक के लिए एक शानदार और खूबसूरत पिकनिक स्पॉट है जहां पर आप हर तरफ खूबसूरती छटाएं बिखेरती हुयी प्रकृति को आसानी से देख सकते हैं। पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच यह जगह फोटोग्राफी के लिए बहुत मशहूर है।

शालीमार गार्डन –

अपने शिल्प प्रदर्शनों के लिए बेशुमार शालीमार गार्डन हमेशा पर्यटकों से भरा रहता है। शहर की भागदौड़ से दूर इस जगह पर आकर मन को बहुत शांति और सुकून का अहसास होता है। फूलों की खूबसूरती से सजे इस बगीचे में लोग घंटो आराम से बैठकर समय बिता सकते हैं। पर्यटकों के बीच ये बगीचा काफी मशहूर है, क्योंकि कपूरथला के शाही परिवार के लाल बलुआ पत्थर ओबिलिस्क सेनेटफ्स और फूलों से खास तरीके से इस बगीचे को सजाया गया है।