दशहरा का त्योहार अच्छाई की बुराई पर जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। दशहरा पर्व आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को अपरान्ह्र काल में मनाया जाता है। दशहरा को विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था।
इसके अलावा मां दुर्गा ने लगातार 9 दिनों तक महिषासुर नाम के राक्षस से युद्ध किया था। इसके बाद दशमी को उसका संहार किया था। दशहरा के दिन शस्त्र पूजा भी की जाती है।
- दशहरे का पर्व साल के सबसे पवित्र और शुभ दिनों में से एक माना गया है। यह तीन मुहूर्त में से एक है – साल का सबसे शुभ मुहूर्त – चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, अश्विन शुक्ल दशमी, वैशाख शुक्ल तृतीया। यह अवधि किसी भी चीज की शुरूआत करने के लिए उत्तम है।
- क्षत्रिय समाज इस दिन अपने शस्त्रों की पूजा करते हैं जिसे आयुध पूजा के रूप में भी जानी जाती है। इस दिन शमी पूजन भी करते हैं।
- ब्राह्मण समाज इस दिन देवी सरस्वती की पूजा करते हैं।
- वैश्य समाज अपने बहीखाते की आराधना करते हैं।
- नवरात्रि रामलीला का समापन भी आज के दिन होता है।
- रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ का पुतला जलाकर भगवान राम की जीत का जश्न मनाया जाता है।
इस साल 8 अक्टूबर मंगलवार को दशहरा का पर्व मनाया जाएगा।
दशहरा शुभ मुहूर्त
विजय मुहूर्त
- दिन में 14:05:40 से 14:52:29 तक
अपराह्न मुहूर्त
- दिन में 13:18:52 से 15:39:18 तक