Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ – एंबुलेंस से प्रसूता को घर पहुंचाने के बाद कर्मचारी भेंट...

छत्तीसगढ़ – एंबुलेंस से प्रसूता को घर पहुंचाने के बाद कर्मचारी भेंट कर रहे पौधा…




IMG-20240704-WA0019
IMG-20220701-WA0004
WhatsApp-Image-2022-08-01-at-12.15.40-PM
1658178730682
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.50-PM
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.48-PM

बच्चे की किलकारी के साथ जिस तरह घर हरा-भरा हो जाता है, उसी तरह इस खुशी के साथ घर के आंगन को भी हरियाली से भरने के लिए महतारी एक्सप्रेस ने अनूठी पहल है। संचालन कंपनी जीवीके की पहल पर प्रसव के बाद हर प्रसूता को एक पौधा भेंट किया जा रहा है। इस पौधे को घर, बाड़ी या अपने आसपास में लगाकर नवजात बच्चे की तरह इसकी देखरेख का भी संकल्प दिलाया जा रहा है। जिला हाॅस्पिटल से लेकर स्वास्थ्य केंद्र तक जब भी किसी महिला को प्रसव के लिए महतारी से लाया जा रहा है, उसे वापस छोड़ने के वक्त स्टाफ की आेर से उन्हे एक पौधा भेंट किया जा रहा है। 

प्रदेश भर में एक लाख से अधिक पौधे रोपेंगे 

  1. जीवीके के जिला प्रभारी मयूर परमार ने बताया कि अपने ढंग से पौधरोपण का ये अभियान अगले तीन महीने तक जारी रहेगा। कंपनी ने प्रदेशभर मंे 1 लाख से अधिक पौधें प्रसूताओं के माध्यम से रोपित करने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत हर प्रसूता को महतारी एक्सप्रेस से घर छोड़ते वक्त उन्हे ये पौधें भेंट किए जा रहे हैं। उन्हे पौधे के महत्व को समझाते हुए पौधरोपण के बाद बिल्कुल अपने बच्चे की तरह देखरेख कर बढ़ा करने की बात कही जा रही है। 
  2. अभी 24 महतारी एक्सप्रेस जिले में दे रही अपनी सेवा जिले में जीवीके कंपनी के माध्यम से 24 महतारी एक्सप्रेस एंबुलेंस सेवा दे रही है। हर एंबुलेंस की टीम को पौधे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेवल पर सौंपे गए हैं। प्रसव के लिए कॉल आने पर ये महिलाओं को हास्पिटल तक लाते हैं। इसके बाद वापस घर छोड़ने की जिम्मेदारी भी इन्ही वाहनों की रहती है। कंपनी के इस अनूठी पहल से हर घर के आंगन तक बच्चों के साथ पौधें पहुंच रहे हैं। जिनकी देखरेख की जिम्मेदारी भी परिवार के सदस्य उठा रहे हैं। 
  3. बच्चों के जन्म के साथ रोज औसत 35 पौधे रोपे जा रहे अभियान की शुरुआत गांधी जयंती के दिन से हुई है तब से अब तक रोजाना औसत 35 पौधे महतारी एक्सप्रेस के माध्यम से वितरित किए जा रहे हैैं। इस लिहाज से रोजाना 35 बच्चों के जन्म के साथ ही इन पौधों को भी नई जिंदगी मिल रही है। प्रसूता के परिवार को पर्यावरण के संरक्षण से लेकर पौधरोपण के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। इस अनूठी पहल से एंबुलेंस के कर्मचारी और अधिकारी हर घर तक पौधरोपण के लिए जागरूक कर रहे हैं।