Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ के धमतरी में 16 करोड़ की लागत से बनी तटबंध बहने...

छत्तीसगढ़ के धमतरी में 16 करोड़ की लागत से बनी तटबंध बहने के कगार पर

IMG-20250614-WA0035
IMG-20250614-WA0034
IMG-20250614-WA0033
IMG-20250614-WA0032
IMG-20250614-WA0030
IMG-20250614-WA0031
IMG-20250614-WA0029
IMG-20250614-WA0028

IMG-20240704-WA0019
IMG-20220701-WA0004
WhatsApp-Image-2022-08-01-at-12.15.40-PM
1658178730682
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.50-PM
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.48-PM

तटबंध निर्माण में भारी अनियमता
लगतार चर्चाओं में रहने वाला जल संसाधन विभाग फिर एक बार सुर्खियों में…..

16 करोड़ की लागत से बनी तटबंध बहने के कगार पर…..

धमतरी—
धमतरी जिला के मगरलोड ब्लॉक, वनांचल क्षेत्र के ग्राम मारागांव के तटबंध निर्माण में भारी अनियमतायें की शिकायत ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा है।

16 करोड़ की लागत निर्मित तटबंध जल संसाधन विभाग कोड नं 90 द्वारा बनाई गई है, और निर्माण कार्य से पहले लगया जाने वाला सूचना पटल बोर्ड उखड़ गए हैं जो कि नया सूचना पटल भी नही बनाया गया है ।

तटबंध निर्माण में पिचिंग का कार्य किया गया है जो अभी से उखड़ने लगी है और पत्थर नदी में जा गिरी है, जिसमें उपयोग होने वाले मुरुम, ग्रामीणों के जमीन से निकली गई है, वही दूसरी ओर यह पिचिंग कार्य मे पत्थर का उपयोग सिर्फ एक तरफ ही किया गया है और उसमें भी पत्थरो के बीच सीमेंट न डालकर रेत को बिछा दिया गया है,
जिसके कारण तटबंध दोनो तरफ से बंधे न होने से बीचों-बीच दरार पड़ रहा है, और मुरुम बारिश के पानी के साथ बहकर ग्रामीण किसानों के खेत को चौपट कर रहा है, जिसके चलते ग्रामीणों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है,

ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण कार्य के चलते ,और पूर्ण हो के उपरांत कोई भी अधिकारी नही आते थे बल्कि सारा काम मुंशी के भरोसे छोड़ दिया जाता था, और मुंशी अपनी मनमानी किया करते थे जी,

ग्रामीणों की माने तो पिछले वर्ष की तुलना में इस साल कम बारिश होने की वजह से अभी तक रुका हुआ है नही तो बाढ़ आने की स्थिति में पूरा तटबंध बह जाने की बात कही है, वही तटबंध बनने से जो लाभ किसानों को होना चाहिए वो नही मिल पा रहा है,
इस संबंध में सम्बंधित विभाग और मुंशी को कई बार अवगत कराया गया लेकिन उनके द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं किया गया है।

ग्रामीणों ने प्रशासन और सम्बन्धित विभाग से यह मांग की है कि जल्द से जल्द दोनो ओर पत्थरो से पिचिंग करके पत्थरों के बीच में सीमेंट डाला जाये जिससे फसल को नुकसान न हो,