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गंभीर बीमारी से पीड़ित वैज्ञानिक ने खुद को पूरी तरह से बना दिया रोबोट




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मांसपेशियों की गंभीर बीमारी से जूझ रहे लंदन के एक वैज्ञानिक खुद को Cyborg (आधा इंसान आधा रोबोट) में बदलने के आखिरी चरण में हैं. Cyborg एक ऐसे रोबोट को कहते हैं जिसमें इंसानी दिमाग और कुछ अंग काम करते हैं. 61 साल के पीटर स्कॉट मोर्गन को दो साल पहले डॉक्टर्स ने बताया कि उन्हें ‘मोटर न्यूरॉन डिसीज़’ है. ये ऐसी बीमारी है जिसमें मांसपेशियां धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती हैं.

पीटर स्कॉट मोर्गन को इस बीमारी के बारे में पता चला तो उन्होंने इसको स्वीकार कर मौत का इंतजार करने की बजाय इसे चुनौती के रूप में लिया. वो कहते हैं कि वो चाहते थे कि विज्ञान की सीमाओं से आगे बढ़कर पूरी तरह से रोबोट बना जाए जिससे लोग उन्हें पीटर 2.0 पुकारें.

पीटर को रोबोट बनाने के लिए दुनिया के सबसे बेहतरीन रोबो साइंटिस्ट्स ने कई सारे जोखिम भरे ऑपरेशन किए. इनमें पीटर के चेहरे को आकार देने वाली वो सर्जरी भी शामिल थी जिसके बाद उनका चेहरा हमेशा वैसे ही रहने वाला था, बिना मांसपेशियों के. इसके अलावा ‘आइ कंट्रोलिंग सिस्टम’ भी डेवेलप किया गया जिससे कि वो कई कंप्यूटर्स को अपनी आंखों के इशारे से चला सकें.

पिछले हफ्ते पीटर ने पूरी तरह से रोबोट में बदलने से पहले ट्विटर पर पोस्ट किया ‘पीटर 1.0 के रूप में ये मेरी आखिरी पोस्ट है. कल यानी 10 अक्टूबर को मैं Cyborg बनने की दिशा में अंतिम मेडिकल प्रक्रिया से गुजरूंगा. मैं मर नहीं रहा, ट्रांसफॉर्म हो रहा हूं. ओह, इसलिए मैं विज्ञान को प्यार करता हूं.’

पीटर इस तरह रोबोट बनने के लिए कुछ ऐसे ऑपरेशन्स से गुजरे हैं जो दुनिया में पहली बार उन पर ही हुए. उनके पेट में खाना पहुंचाने के लिए डायरेक्ट ट्यूब लगाई गई. फेफड़ों को सांस देने के लिए डायरेक्ट नली लगाई गई. शरीर से मल निकालने के लिए पेट में कोलोस्टॉमी बैग लगाया गया. ये सब हमेशा उनके लगी रहेंगी. पीटर स्कॉट मोर्गन पर चैनल 4 की डॉक्यूमेंट्री बन रही है जो 2020 में रिलीज होगी.