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सिगरेट पीने और पास रहने वालों को ज्यादा ख़तरा होता है इस बीमारी से




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नवंबर माह लंग कैंसर अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाते हैं. लंग कैंसर में कोशिकाओं का असामान्य वृद्धि से कैंसर होता है. अन्य कैंसर की अपेक्षा लंग कैंसर से प्रभावित मरीज ज्यादा हैं. 15 फीसदी मामलों में इस कैंसर के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं. देश में प्रतिवर्ष लंग कैंसर के 67 हजार नए मुद्दे आते हैं. स्तन, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के बाद लंग कैंसर चौथे जगह पर है. 90 प्रतिशत लंग कैंसर सिगरेट, बीड़ी या हुक्का पीने से जुड़े हैं.
फेफड़े का कैंसर दो प्रकार का होता
स्मॉल सेल लंग कैंसर ज्यादा धूम्रपान करने वालों में होता है. स्माल सेल कैंसर फेफड़ों का कोशिकाओं से जुड़ा कैंसर है. यह तेजी से बढ़ता है, शरीर के अन्य भागों में भी फैलता हैं. इसमें सर्जरी नहीं की जाती है, कीमोथैरेपी से उपचार करते हैं. स्मॉल सेल की अपेक्षा नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर कम होता है.

फेफड़े के कैंसर के शुरुआती लक्षण
शुरुआत में कई बार लंग कैंसर के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं. तीन सप्‍ताह से खांसी आना, थूक के साथ खून निकलता है. सांस लेने में दिक्‍कत, छाती में दर्द, ब्रोंकाइटिस भी कारण है. सिर दर्द के साथ चक्कर आना, कमजोरी व गला बैठता है. चेहरे, हाथ, उंगलियों में सूजन और कंधे, पीठ में दर्द रहता है. निमोनिया, बुखार, निगलने में दिक्कत, गला ख़राब होता है. मेटास्टेटिक कैंसर शरीर के एक से दूसरे अंगों में फैलता है.
लंग कैंसर की ऐसे करते हैं पहचान
अधिकतर मामलों में कैंसर के कारणों का पता नहीं चलता है. लंग कैंसर की पहचान के लिए सीटी स्कैन, एक्स-रे करते हैं. बीमारी की स्थिति की अनुसार एमआरआइ, बायोप्सी करते हैं. लम्बे समय तक धूम्रपान से बोन कैंसर का खतरा बढ़ता है. सिगरेट के धुएं में कार्सिनोजेन्स लंग कैंसर के लिए जिम्मेदार है. फैक्ट्री के श्रमिकों, प्रदूषित स्थान रहने वालों को भी खतरा ज्यादा है.

लंग कैंसर का ऐसे करते हैं उपचार
लंग कैंसर का उपचार ट्यूमर की स्टेज पर निर्भर करता हैं. स्टेज के अनुसार सर्जरी, रेडिएशन व कीमोथैरेपी देते हैं. सर्जरी से पहले ट्यूमर (कैंसर) का आकार जानना महत्वपूर्ण होता है. सर्जरी में ट्यूमर का पूरा भाग और आसपास के टिश्यू हटाते हैं. कीमोथैरेपी में दवाइयों से कैंसर कोशिकाओं को समाप्त करते हैं. रेडिएशन थैरेपी में विकिरण से कैंसर सेल्स को समाप्त करते हैं. रेडिएशन थैरेपी हड्डियों के दर्द को कम करने के लिए देते हैं.

लंग कैंसर से ऐसे कर सकते हैं बचाव
धूम्रपान न करें, बाहर निकलने पर पैसिव स्मोकिंग से भी बचें. मौसमी और ताजे फल—सब्जियां खाएं, नियमित व्यायाम करें. धूल-मिट्टी वाली जगहों पर निकलते समय चेहरे पर वस्त्र बांध लें. फैक्ट्री के श्रमिक कपड़े या मास्क का प्रयोग कर सकते हैं. कार्सिनोजेन रासायनिक पदार्थों से दूर रहें, विषैले तत्वों से भी बचें.