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छत्तीसगढ़ – नवाचार एवं रचनात्मक केन्द्र के रूप में उभरे तकनीकी शिक्षा संस्थान : राज्यपाल सुश्री उइके




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राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, नवा रायपुर के प्रथम दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को स्वर्ण और रजत पदक प्रदान किए। उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, आई.आई.टी. दिल्ली के पूर्व निदेशक और एन.बी.ए. के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रसाद, विशिष्ट अतिथि और समारोह की अध्यक्षता ट्रिपल आई.टी. बोर्ड के अध्यक्ष और एच.सी.एल. के सह संस्थापक श्री अजय चौधरी ने की। दीक्षांत समारोह में 69 विद्यार्थियों को बी.टेक की डिग्री प्रदान की गई।
राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि तकनीकी शिक्षा संस्थान नवाचार और रचनात्मक कार्यों के केन्द्र के रूप में स्थापित हों। हमें अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नए-नए क्षेत्रों में शोध और रचनात्मकता को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने कहा कि हमारी बौद्धिक संसाधन ही असली ताकत है, जो पूरे विश्व में हमें एक अलग स्थान देती है। आज विश्व के सभी प्रमुख देशों जैसे अमेरिका आदि में भारतीय उच्च तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में कार्य कर रहे हैं, इनमें कुछ तो बड़ी कंपनियों के सी.ई.ओ. और कुछ प्रशासनिक सलाहकार की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। इस संस्थान के विद्यार्थी दीक्षांत समारोह में डिग्री प्राप्त करने के बाद हो सकता है इनमें से कुछ छात्र हमारे देश में रहें और कुछ छात्र देश के बाहर जाकर भी अपना काम करेंगे। हमें चाहिए कि हम जहां भी रहें गर्व से कहें कि हम भारतीय हैं और हमारी गौरवशाली संस्कृति की पहचान हमेशा कायम रखें। ऐसा कार्य करें कि दूसरे देश के लोगों के प्रति भारत का सम्मान और ऊंचा हो। उन्होंने ट्रिपल आई.टी. जैसे संस्थान को छत्तीसगढ़ का गौरव बताया। राज्यपाल ने कहा कि ट्रिपल आई.टी. के 41 छात्रों को अच्छे पैकेज में नौकरी मिली है, जिसमें से कोण्डागांव जिले के श्री विमल आनंद बघेल को 29 लाख रूपए पैकेज पर नौकरी मिली है, जो सराहनीय है। 

राज्यपाल सुश्री उइके ने युवाओं से आग्रह किया है कि वे उद्यमी बनें और छत्तीसगढ़ में ही स्वरोजगार स्थापित करें। इससे छोटे-छोटे उद्योगों को विकसित होने का मौका मिलेगा और दूसरे लोगों को भी रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि युवा अपने तकनीकी ज्ञान का दायरा कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित न रखें और नये-नये क्षेत्रों में शोध करें। तकनीकी ज्ञान का उपयोग मौसम के सटीक भविष्यवाणी सहित कृषकों को विशेषज्ञ सलाह देने में कर सकते हैं। साथ ही यह भी प्रयास करें कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करने के लिए परम्परागत के स्थान पर आधुनिक तकनीकों का बेहतर उपयोग करें। सुश्री उइके ने कहा कि तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के पारंपरिक तरीकों एवं विषयों के स्थान पर आवश्यकता एवं मांग के अनुरूप विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल करें। पाठ्यक्रम को समय-समय पर अपडेट करने की भी आवश्यकता व्यक्त की। अवकाश के समय छात्रों इंटर्नशिप के लिए विभिन्न उद्योगों में भेजने और पाठ्यक्रम में उद्यमिता विषय भी हो ताकि भविष्य में हम रोजगार चाहने वाले न हों, बल्कि रोजगार पैदा करने वाले तैयार कर सकें। 
नवा रायपुर का ट्रिपल आईटी संस्थान देश की प्रगति में योगदान देने वाले एक प्रमुख संस्थान के रूप में पहचान बनाएगा: श्री भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विद्यार्थियों से अपने तकनीकी ज्ञान का उपयोग कर छत्तीसगढ़ के विकास में सहभागी बनने का आव्हान किया है। उन्होंने कहा कि कृषि उपजों और वनोपजों से तकनीकी के बेहतर उपयोग से अधिक से अधिक रोजगार के अवसर कैसे पैदा किये जा सकते हैं। किसानों के लिए इसे कैसे लाभप्रद बनाया जा सकता है। इस दिशा में शोध किया जाना चाहिए। 
 श्री बघेल ने कहा कि आने वाले समय में भिलाई के इस्पात संयंत्र और एनटीपीसी की तरह ही नवा रायपुर का यह ट्रिपल आईटी संस्थान देश की प्रगति में योगदान देने वाले एक प्रमुख संस्थान के रूप में पहचान बनाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले 200 वर्षों में विज्ञान ने हर क्षेत्र में तरक्की की है, लेकिन इस तरक्की के साथ-साथ अनेक चुनौतियां भी हमारे सामने आ खड़ी हुई है, शुद्ध वायु और शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने विद्यार्थियों से शोध के क्षेत्र में कार्य करने का आव्हान करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में शोध के क्षेत्र में बड़ी संभावनाएं विद्यमान हैं। यहां 44 प्रतिशत भूभाग पर वन है। बड़ी मात्रा में लघु वनोपजों का उत्पादन होता है। कृषि क्षेत्र भी काफी समृद्ध है, इन क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी का किस तरह बेहतर उपयोग किया जा सकता है और रोजगार के अवसर पैदा किये जा सकते हैं इस पर शोध किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन की दृष्टि से देश का एक प्रमुख राज्य है, लेकिन यहां फ्लाई ऐश के डिस्पोजल की समस्या है। फ्लाई एश के कारण पानी हेवी मेटल से कितना प्रदूषित हुआ है, इस पर कोई शोध नहीं हुआ है, इस पर भी शोध होना चाहिए। उन्होंने धान की फसल के बाद पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की समस्या का उल्लेख करते हुए कहा कि पराली को सस्ते तरीके से तकनीकी का उपयोग कर कैसे वर्मी और कंपोस्ट खाद में परिवर्तित किया जा सकता है, इस पर भी शोध किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दिल्ली से आए अतिथियों के सामने बोतल बंद पानी रखा है, बहुत संभव है कि आने वाले समय में मुख्य अतिथियों के सामने पानी की बोतल के साथ ऑक्सीजन की बोतल भी रखी हो। विज्ञान की प्रगति से कृषि के क्षेत्र में हम आत्मनिर्भर हुए, यातायात के तेज और सुविधाजनक साधन विकसित हुए, चिकित्सा के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी परिवर्तन संभव हो सके हैं। घुटने बदलने के बाद अब दिल भी बदल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने  दीक्षांत समारोह में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आपके सामने खुला आकाश है, बड़ी संभावनाएं हैं और छत्तीसगढ़ सरकार भी आपके साथ है।
इस समारोह के विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के इंजीनियरिंग कॉलेजों सहित तकनीकी संस्थानों में शोध को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। प्रोफेसर सुरेंद्र प्रसाद ने तकनीकी संस्थानों में व्यावसायिक कौशल के साथ-साथ बुद्धिमत्ता (विजडम) के विकास पर भी ध्यान देने की आवश्यकता व्यक्त की। ट्रिपल आईटी बोर्ड के चेयरमैन श्री अजय चौधरी ने विद्यार्थियों को अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करने, अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखने और अपने क्षेत्र में नई-नई चीजें सीखने तथा पढ़ने की आदत विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान नवा रायपुर के कुलपति और निदेशक डॉ प्रदीप कुमार सिन्हा ने संस्थान की प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। 
इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा की प्रमुख सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्ले, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण तथा ट्रिपल आई.टी. के विद्यार्थी उपस्थित थे।