छत्तीसगढ़ में दो दिन बाद धान खरीद शुरू होनी है लेकिन केंद्र से सेंट्रल पूल में धान खरीद का कोटा घटाए जाने का मामला अब तक सुलझ नहीं पाया है। इस बीच विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धान पर बड़ा बखेड़ा खड़ा हो गया। गुरुवार को विपक्ष ने धान खरीद और धान का रकबा घटाने के सरकारी प्रयास पर जमकर बवाल किया। विपक्ष के विधायकों ने सरकार पर किसानों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया। हंगामा बढ़ने पर विपक्ष के 14 विधायक वेल में आ गए, जिन्हें निलंबित कर दिया गया।
हुआ यूं कि प्रश्नकाल में भाजपा विधायक धान खरीद की दर को लेकर मंत्री से सवाल कर रहे थे। हर बार मंत्री अमरजीत भगत की ओर से यही जवाब आ रहा था कि केंद्र ने समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए हमें बाध्य किया है। हम 25 सौ रुपये प्रति क्विंटल किसानों को देना चाहते हैं।
विपक्ष इस सवाल पर अड़ा रहा कि एक दिसंबर से किस दर पर खरीद होगी। इसी बात को लेकर भाजपा, जकांछ के 14 विधायक वेल में आ गए। नियमानुसार वेल में आने वाले विधायक स्वत: निलंबित हो जाते हैं। निलंबन के बाद विपक्ष के विधायकों ने विधानसभा परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
विपक्ष आरोप लगा रहा है कि धान का रकबा कम करने के लिए मुख्य सचिव ने कलेक्टरों को फरमान दिया है। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि रकबे में अनावश्यक कटौती करने का कोई निर्देश कलेक्टरों को नहीं दिया गया है।