Home समाचार 2000 रु के नोटों की जमाखोरी रोकने के लिए सरकार ने उठाएं...

2000 रु के नोटों की जमाखोरी रोकने के लिए सरकार ने उठाएं ये 6 सख्त कदम!


IMG-20240704-WA0019
IMG-20220701-WA0004
WhatsApp-Image-2022-08-01-at-12.15.40-PM
1658178730682
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.50-PM
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.48-PM

मोदी सरकार ने कहा है कि रुपये के नोट की जमाखोरी में कमी आ सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद को बताया, कि साल 2017-18, 2018-19 और मौजूदा वित्त वर्ष में 2000 रुपये के नोट की शक्ल में पकड़े जाने वाले अवैध धन के मामले 67.91%, 65.93% और 43.22% रहे हैं. साथ ही, उन्होंने बताया कि जमाखोरी रोकने के लिए केंद्र सरकार ने कई बड़े कदम उठाए है. सांसद डॉ एल हनुमंतय्या ने संसद में सवाल पूछा था कि क्या सरकार ने बड़े मूल्य के नोटों के कारण बेहिसाबी नकदी के भारी जोखिम को देखते हुए उच्च मूल्य के मुद्रा नोटों, जैसे कि 2000 हजार रुपये के नोटों, की आसान जमाखोरी के मामले से निपटने के लिए कोई कदम उठाए है अगर हां तो क्या है?

इस सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने संसद को बताया कि आयकर विभाग (आईटीडी) बेहिसाबी नकद लेनदेन तथा अघोषित नकद जायदाद (होल्डिंग्स) के विरूद्ध जरूरी कार्रवाई करता है. सरकार ने हाल में जमाखोरी रोकने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं.

(1) इन मामलों में अब डिजिटल पेमेंट जरूरी- सरकार ने 1 नवंबर 2019 से बड़ा बदलाव किया है. यह नया नियम 50 करोड़ रुपये से ज्यादा के टर्नओवर वाले कारोबारियों के ऊपर ही यह नियम लागू होगा. नए नियम में कारोबारियों को इलेक्ट्रॉनिक मोड से भुगतान लेने पर अब कोई भी शुल्क या चार्ज नहीं देना होगा. 

(2) कैश निकालने पर लगेगा टैक्स- एक साल में एक बैंक अकाउंट से 1 करोड़ रुपये से अधिक राशि निकालने पर अब 2 फीसदी टीडीएस लगेगा. इससे पहले की गई नकद निकासी पर टीडीएस नहीं काटा जायेगा, मगर पहले निकाले हुए पैसों को भी निकासी में शामिल किया जाएगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 31 अगस्त, 2019 तक जो लोग पहले ही एक करोड़ रुपये की नकद निकासी कर चुके हैं, उनकी इसके बाद की सभी निकासी पर दो प्रतिशत का टीडीएस लिया जाएगा.

(3) अगर किसी को कैश में पेमेंट किया तो क्या होगा- कैश में पेमेंट करने की सीमा भी तय है. आपके अपने निजी खर्च-कारोबारी खर्च के लिए नियम भी तय है. निजी खर्च के लिए 2 लाख रुपये तक कैश भुगतान होता है. वहीं, बिजनेस के लिए 10,000 रुपये तक कैश लिमिट तय है.

(4) दान की सीमा तय- धर्मार्थ संगठनों को दिए जाने वाले नकद दान की सीमा को 10 हजार से घटाकर 2000 रुपये कर दिया गया है. 

(5) लोन की सीमा तय-अगर कोई आपको लोन की रकम बैंक सीधे अकाउंट में ही भेजता है तो यह सीमा 20 हजार रुपये है. वहीं, 20,000 रुपये से ज्यादा कैश लोन लिया तो 100 फीसदी पेनाल्टी देनी होगी.

(6) राजनीतिक दलों को चंदा देने की रकम- राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले चंदे की रकम में पारदर्शिता लाने के लिए मोदी सरकार ने सेक्शन 13A के प्रावधानों में भी सुधार किया गया है.इसके हिसाब से 2000 रुपये से अधिक की रकम बैंक चेक या ड्राफ्ट के माध्यम से ही दिया जाना चाहिए. अगर कोई व्यक्ति चाहते तो इसे ECS के माध्यम से भी दे सकता है. इसके साथ ही लोगों को चुनावी बांड के विकल्प भी उपलब्ध कराए गए हैं.

इससे अधिक की राशि का कोई दान एक बैंक पर देय खाता धारक चैक अथवा खाता धारक बैंक ड्राफ्ट अथवा एक बैंक खाते के जरिए इलैक्ट्रॉनिक क्लियेरिंग सिस्टम अथवा इलैक्टोरल बॉड के जरिए को छोडकर अन्यथा प्राप्त नहीं किया जाएगा.