राजनांदगांव में चिटफंड कंपनी के संचालक प्रेम देवांगन की संपत्ति कुर्क कर सात करोड़ 61 लाख से अधिक की राशि सरकार के खाते में जमा कर दी गई हैै। यह जानकारी डीजीपी डीएम अवस्थी की वीडियो काफ्रेंसिंग में राजनांदगांव पुलिस ने दी। डीजीपी को बताया गया कि राशि निवेशकों को शीघ्र ही लौटाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
डीजीपी अवस्थी ने मंगलवार को वीडियो काफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के सभी पुलिस अधीक्षकों से बात की। उन्होंने चिटफंड कंपनियों के संचालकों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। वीसी के दौरान बताया कि बिलासपुर जिले में चिटफंड कंपनी के संचालक कमलेश सिंह की संपत्ति कुर्क कर दो लाख 80 हजार की राशि निवेशक को लौटाई गई है। अवस्थी ने निर्देश दिए कि चिटफंड कंपनियों के एजेंटों पर चल रहे प्रकरणों को न्यायालय के माध्यम से शीघ्र ही वापस लें, साथ ही कंपनियों के संचालकों की संपत्तियां कुर्क कर निवेशकों को शीघ्र ही राशि लौटाने की प्रक्रिया शुरू की जाए।
38 प्रकरणों में हटाए जाएंगे 113 एजेंटों के नाम
डीजीपी अवस्थी ने चिटफंड कंपनियों के एजेंटों के विरुद्ध न्यायालय और पुलिस के समक्ष विवेचनाधीन प्रकरणों की समीक्षा की। राज्य के सभी जिलों में कुल 38 प्रकरणों में 113 एजेंटों के नाम पृथक करने की कार्यवाही की गई है। जिनमें न्यायालय में विचाराधीन 33 प्रकरणों से 102 एजेंट और पुलिस के समक्ष विवेचनाधीन पांच प्रकरणों से 11 एजेंटों के नाम पृथक करने की कार्यवाही की गई है।
जिला कोर्ट में विचाराधीन प्रकरण
न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों में रायपुर जिले में 16 प्रकरणों से 42 एजेंट, धमतरी जिले में चार प्रकरणों से सात, महासमुंद जिले में 3 प्रकरणों से 12, दुर्ग जिले में 11 एजेंट, बालोद जिले में एक प्रकरण से दो, बिलासपुर जिले में 2 प्रकरण से एजेंट, मुंगेली जिले से एक एजेंट, जांजगीर जिले में आठ एजेंट और कोरबा जिले में दो प्रकरणों से छह एजेंट के नाम पृथक किए गए हैं। पुलिस के समक्ष विवेचनाधीन प्रकरणों में से महासमुंद में तीन प्रकरणों में नौ एजेंट, बिलासपुर में दो प्रकरणों से दो एजेंटों के नाम पृथक किए गए हैं।