पाकिस्तान (Pakistan) ने बुधवार को भारत के नए सेना प्रमुख के इस बयान को गैर जिम्मेदाराना करार दिया कि भारत को नियंत्रण रेखा के पार एहतियातन हमला करने का अधिकार है. मंगलवार को सेना प्रमुख का पदभार ग्रहण करने के महज कुछ ही घंटे बाद जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Narvane) ने एक इंटरव्यू में कहा था कि भारत को आतंकी खतरे वाले स्रोतों पर एहतियातन हमला करने का अधिकार है.
उन्होंने कहा था कि सीमापार आतंकवाद पर देश की जबर्दस्त कार्रवाई की नयी सोच की झलक दृढ़तापूर्वक दिखा दी गयी है. सेना प्रमुख ने कहा था, ‘अगर पाकिस्तान, राज्य प्रायोजित आतंकवाद की अपनी नीति को नहीं रोकता है तो हमारे पास ऐसी स्थिति में आतंक के खतरे वाले स्रोतों पर हमला करने का अधिकार है और सर्जिकल स्ट्राइक तथा बालाकोट अभियान के दौरान हमारे जवाब में इस सोच की पर्याप्त झलक मिल चुकी है.’ उनके इस बयान पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय (Pak Foreign Ministry) ने एक बयान में कहा, ‘हम नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एहतियात के तौर पर हमला करने के भारत के नए सेना प्रमुख के गैर जिम्मेदाराना बयान को खारिज करते हैं.’ इसने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारत के आक्रामक कदम को विफल करने के पाकिस्तान के निश्चय और तैयारी पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘किसी को भारत के बालाकोट दुस्साहस के बाद पाकिस्तान के मुंहतोड़ जवाब को नहीं भूलना चाहिए.’
आतंकवाद के स्रोत पर हमला करने का अधिकार: सेना प्रमुख सेना प्रमुख का कार्यभार संभालने के एक इंटरव्यू में नरवणे ने कहा था कि हमने प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ ‘दृढ़ संकल्पित दंडात्मक जवाब’ की रणनीति बनायी है . उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना की राज्य प्रायोजित आतंकवाद से ध्यान हटाने की सारी कोशिशें नाकाम हो गयी हैं और अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर में हालात सुधरे हैं .
सेना प्रमुख ने कहा था कि आतंकवादियों के सफाए और आतंकी नेटवर्क की तबाही के कारण पाकिस्तानी सेना के छद्म युद्ध की मंशा को झटका लगा है .पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे से वह कैसे निपटेंगे, इस बारे में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के उकसावे या उसके द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के किसी भी कृत्य का जवाब देने के लिए हमारे पास कई सारे विकल्प हैं.
चीन के साथ लगी 3500 किलोमीटर की सीमा पर सुरक्षा चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर जनरल नरवणे ने कहा था कि हमने प्राथमिकताओं को फिर से संतुलित करने के तहत पश्चिमी सीमा से उत्तरी सीमा पर ध्यान केंद्रित किया है. हम उत्तरी सीमा के पास क्षमता निर्माण में सुधार करना जारी रखेंगे ताकि जरूरत पड़ने पर हम तैयार रहें