भारत के एक चिथड़े से धनी व्यावसायिक टाइकून बनने की कहानी है जिन्होनें रिलायंस उद्योग की स्थापना मुम्बई में अपने चचेरे भाई के साथ की। कई लोग अंबानी के अभूतपूर्व/उल्लेखनीय विकास के लिए अन्तरंग पूंजीवाद और सत्तारूढ़ राजनीतिज्ञों तक उनकी पहुँच को मानते हैं क्योंकि ये उपलब्धि अति दमनकारी व्यावसायिक वातावरण में पसंदीदा वर्ताव द्वारा प्राप्त की गई थी। (लाइसेंस राज ने भारतीयों को दबाया। 1990 तक भारतीय व्यवसाय का गला घोंट दिया और उन्हीं को राजनीतिज्ञों ने लाइसेंस प्रदत्त किया जो की उनके इष्ट थे, जिसने प्रतियोगिता के कोई आसार नहीं छोड़े)। अंबानी ने अपनी कंपनी रिलायंस को 1977 में सार्वजानिक क्षेत्र में सम्मिलित किया और 2007 तक परिवार (बेटे मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी) की सयुंक्त धनराशी 100 अरब डॉलर थी, जिसने अम्बानियों को विश्व के धनी परिवारों में से एक बना दिया। कामयाबी कभी आसानी से नहीं मिलती। और जब बात देश का सबसे अमीर आदमी बनने की हो तो आपको इससे भी एक कदम आगे जाना होता है। धीरूभाई अंबानी का यही मंत्र था। एक पिता के रूप में धीरूभाई ने यही सीख अपने बेटे मुकेश अंबानी को भी दी।
इसी सीख के दम पर आज मुकेश अंबानी देश के सबसे अमीर शख्स के रूप में जाने जाते हैं। मुकेश अंबानी के मुताबिक, अपने पिता से सीखी बातों के चलते ही वह आज कामयाबी के इस मुकाम पर पहुंचे हैं। शुरू हुआ धीरूभाई अंबानी स्क्वायर : नीता और मुकेश अंबानी और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने हाल में 2 करोड़ मुंबई वासियों को एक नया और गौरवशाली आइकन – धीरूभाई अंबानी स्क्वायर समर्पित किया। ये स्कवायर मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल के सामने स्थित है। धीरूभाई अंबानी स्क्वायर जियो वर्ल्ड सेंटर का हिस्सा है। इस मौके पर नीता अंबानी ने कहा कि धीरूभाई अंबानी स्क्वायर में विशेष म्यूजिकल फाउंटेन कार्यक्रम मुंबई की जीवंत भावना के लिए एक समर्पण है। आगे धीरूभाई की 4 सीख.
1. बिजनेस में रिलेशनशिप नहीं पार्टनरशिप चलती है : रिलायंस Jio की लॉन्चिंग के बाद अपने एक इंटरव्यू में मुकेश अंबानी ने कहा था कि धीरूभाई उन्हें बेटे की तरह नहीं बल्कि पार्टनर की तरह ट्रीट करते थे। वह कहते थे कि बिजनेस में रिलेशनशिप नहीं पार्टनरशिप चलती
2. बिजनेसमैन को पता होता है कि क्या करना है : कोई भी काम शुरू करने से पहले आपको यह पता होना चाहिए कि आपका लक्ष्य क्या है। तभी आप उस तक पहुंच सकते हैं। बिना लक्ष्य के भागने से कुछ हासिल नहीं होता।
3 हमेशा पॉजिटिव रहें : चाहे आप पढ़ें या काम करें, हमेशा पॉजिटिव रहना जरूरी है। इस अप्रोच के साथ जब आप आगे बढ़ेंगे तो आपको सफलता मिलेगी। हो सकता है कि आस-पास कई सारे निगेटिव स्वभाव के लोग रहें लेकिन आपको पॉजिटिविटी ही फैलानी है।
4. नाकामियों से डरो मत, उनसे सीखो, कभी हार मत मानो : हर व्यक्ति को सफलता और असफलता का सामना करना पड़ता है। इसलिए असफलता से डरना नहीं चाहिए बल्कि डटकर उनका सामना करना चाहिए। मुकेश अंबानी के मुताबिक, उन्हें भी बिजनेस में कई बार नाकामी हाथ लगी, लेकिन वे पिता के शब्द ही थे, जो उन्हें भरोसा देते रहे।