बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के बारे में कहा कि यदि कोई ट्वीट कर रहा है तो करे। जब तक किसी की पार्टी में रहने की इच्छा करेगी, तब तक वह रहेगा और जाना चाहेगा तो जाए। नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को लेकर कहा कि अमित शाह ने मुझसे कहा, जिसके बाद वो पार्टी में आए।
बता दें कि प्रशांत किशोर पिछले कई दिनों से संशोधित नागरिकता कानून को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। वहीं, सीएए पर नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र द्वारा सीएए लागू किया गया है और इसके बारे में किसी भी भ्रांति को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम पहले ही एनआरसी के प्रति अपना विरोध जता चुके हैं और प्रधानमंत्री ने भी इसको लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है।
नीतीश कुमार ने कहा कि एनपीआर में माता-पिता के जन्म स्थान का विवरण मांगने वाले स्तंभों के संबंध में जो त्रुटियां हैं, उसे लोकसभा और राज्यसभा में हमारे नेता सरकार से हटाए जाने को कहेंगे। प्रशांत किशोर ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी पर तंज कसते हुए उन्हें ‘परिस्थितिजन्य उपमुख्यमंत्री’ करार दिया था। उनके इस बयान पर बीजेपी नेताओं ने इन दोनों नेताओं की जेडीयू के वरिष्ठ नेताओं से शिकायत की थी।
इससे पहले जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने दो टूक कहा कि जेडीयू की बैठक में प्रशांत किशोर और पवन वर्मा की कोई जरूरत नहीं है। वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि आज की बैठक सीएम नीतीश की अध्यक्षता में हो रही है, इसलिए इस बैठक में प्रशांत किशोर और पवन वर्मा जेडीयू के लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं।