पाकिस्तान ने स्पष्ट कर दिया है कि उसके पास पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) को विलय करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। पाकिस्तान के इस दावे को काफी अहम माना जा रहा है। इमरान सरकार पीओके का विलय नहीं चाहती।
गुलाम कश्मीर ‘पीओके’ के पाकिस्तान में विलय की शुरुआत फारूक हैदर के उस बयान से हुई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें यह बताया गया है कि वह गुलाम कश्मीर (पीओके) के अंतिम प्रधानमंत्री होंगे। इस बयान के बाद मीडिया में पीओके के विलय की खबरें सामने आई थीं। पाक सरकार के एक नौकरशाही सेवा समूह का नाम बदलने के बाद इन खबरों को और बल मिला था।
यहां बता देना जरूरी है कि पाकिस्तान दुनिया के सामने पीओके को आजाद इलाका होने का पाखंड करता है लेकिन सच्चाई यह है कि पाकिस्तानी फौज आज भी इस इलाके पर कब्जा जमाए हुए है।
पीओके के लोग पाकिस्तान के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करते हैं जिसे पाकिस्तानी फौज कुचलने की हरकत करती रही है। यही नहीं सिंधी और बलोच लोगों की मांग को भी पाकिस्तानी फौज अपनी बंदूकों की बदौलत कुचलने की हरकत बाज नहीं आती है। बावजूद पाकिस्तान के खिलाफ आवाजें बुलंद हो रही हैं। पाकिस्तानी सरकार का यह बयान दुनिया की आंखों में एकबार फिर धूल झोंकने वाला है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि वो अपने नियंत्रण वाले जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान के मुख्य भू-भाग में नहीं मिलाएगा। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता आइशा फ़ारूक़ी ने साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि ‘इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है’।