सार
- आर्मी पब्लिक स्कूल में नहीं पढ़ सकेंगे सिविलियंस के बच्चे
- नए सत्र से नहीं होगा प्रवेश, अभी पढ़ रहे बच्चों को दूसरे स्कूल में प्रवेश लेने का नोटिस
- 70 बच्चों के अभिभावकों को जारी किया नोटिस
विस्तार
आर्मी पब्लिक स्कूल में अब सिविलियंस छात्रों के एडमिशन का सपना साकार नहीं हो सकेगा। इसपर रोक लगा दी गई है। स्कूल में पहले से पढ़ रहे 70 सिविलियंस विद्यार्थियों को भी नोटिस भेजा गया है। कहा गया है कि शैक्षिक सत्र 2020-21 से दूसरे विद्यालय में दाखिला ले लें। देश भर में मौजूद करीब 130 आर्मी पब्लिक स्कूल आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसाइटी के नियमावली के आधार पर संचालित किए जाते हैं। सोसाइटी की गाइड लाइन के अनुसार अब तक स्कूल में 90:10 अनुपात में आर्मी और सिविलियंस के बच्चों को एडमिशन दिया जाता है। विशेष परिस्थिति में अनुपात बढ़ाने और घटाने का भी प्रावधान रहा है। लेकिन आर्मी स्टाफ के बच्चों के प्रवेश के लिए आने वाले आवेदन पत्रों की संख्या में बढ़ोतरी और सीबीएसई बोर्ड की ओर से हर कक्षा में 40 से अधिक बच्चों के प्रवेश पर रोक लगाने की वजह से आर्मी वेलफेयर सोसाइटी ने यह कदम उठाए हैं। आर्मी पब्लिक स्कूल में इस बार कक्षा एक से लेकर कक्षा 12 तक (कक्षा-11 छोड़कर) कुल 2100 विद्यार्थियों के एडमिशन लिए जाने हैं।
अभिभावकों में रोष
आर्मी पब्लिक स्कूल के आदेश से अभिभावकों में आक्रोश है। अमर उजाला से बातचीत में छावनी पर रहने वाले एक अभिभावक ने बताया कि इस इलाके में कोई ढंग का विद्यालय मौजूद नहीं है। बच्चे का दाखिला आर्मी स्कूल में होने के बाद यहां घर बनवाया ताकि उसकी पढ़ाई में कोई समस्या नहीं आए। अब स्कूल की ओर से बच्चे को बाहर किया जा रहा है। वहीं रुस्तमपुर के अभिभावक ने कहा कि दाखिला लेने से पहले इस मसले पर सोचना चाहिए था। ये तो खुले तौर पर बाल शिक्षा अधिकार का उल्लंघन है। नंदानगर, असुरन चौक के रहने वाले अभिभावकों ने कहा कि तुगलकी फरमान से बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है। स्कूल प्रबंधन अनावश्यक तर्क दे रहा है।
अक्तूबर में दिया नोटिस आर्मी वेलफेयर सोसायटी ने अक्तूबर-2019 में बैठक कर सभी प्रधानाचार्यों को समय रहते कक्षा एक से आठ तक के सभी सिविलियंस बच्चों के अभिभावकों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद से ही स्कूल प्रबंधन की ओर से सभी अभिभावकों को नोटिस जारी किया गया।
आर्मी स्टाफ के ही 200 से अधिक आवेदन
आर्मी पब्लिक स्कूल में प्रवेश के लिए इस बार आर्मी स्टाफ के ही 200 से अधिक आवेदन आए हैं। एयरफोर्स और नेवी के बच्चे उनके पीछे कतार में लगे हैं।
9-12 के विद्यार्थियों को राहत
आर्मी वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से सिविलियंस के बच्चों को लेकर जारी किए गए आदेश की जद में कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यार्थी आएंगे। जबकि 9-12 में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को इससे राहत प्रदान दी गई है। एसोसिएशन का कहना है कि इन विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन सीबीएसई की ओर से किया जा चुका है। इसलिए इन्हें राहत दी गई है।
आर्मी पब्लिक स्कूल प्रधानाचार्य विशाल त्रिपाठी ने कहा कि आर्मी वेलफेयर सोसाइटी के निर्देश पर ही अभिभावकों को नोटिस जारी किया गया है। समय रहते सूचना दी गई ताकि अभिभावक सही विद्यालय का चुनाव कर सकें। विद्यालय में 55 कमरे मौजूद हैं। क्षमता के मुताबिक बच्चों के प्रवेश लेने के निर्देश हैं। उसका पालन किया जा रहा है।