महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री डॉ. नितिन राऊत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से प्रभावित होकर एक कार्यक्रम में 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने की घोषणा कर दी थी, लेकिन मजे की बात यह है कि इस घोषणा पर अब तक कुछ नहीं हुआ है. ऊर्जा विभाग ने कहा है कि इस तरह का कोई प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष नहीं भेजा है. यानी मंत्री महोदय महज हवा में बात कर रहे हैं. उत्साही कार्यकर्ता की भांति ‘उत्साही मंत्री’ का तमगा हासिल करने के लिए राऊत ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बिना सलाह-मशविरा किए उक्त लोकलुभावन घोषणा कर दी थी.
उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने तुरंत इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह की योजना सरकार के लिए व्यावहारिक नहीं है. सूचना अधिकार कानून के तहत ऊर्जा विभाग से जानकारी मांगी गई थी कि क्या 100 यूनिट बिजली नि:शुल्क देने का कोई प्रस्ताव तैयार किया गया है और यदि हां, तो क्या उसे सरकार ने मंजूरी दी है?
ऊर्जा विभाग ने बताया कि ऐसा कोई प्रस्ताव ऊर्जा विभाग ने पेश नहीं किया है. इस बारे में ऊर्जा विभाग को राज्यभर से दो पत्र प्राप्त हुए थे. ऊर्जा विभाग ने आरटीआई कार्यकर्ताओं को महाराष्ट्र विधिमंडल में बिजली और उससे जुड़ी हुई समस्याओं पर हुई चर्चा के दस्तावेज उपलब्ध कराए, जिनमें ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि उनकी सरकार 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त में देने का प्रयास कर रही है.
इस घटनाक्रम से साबित हो जाता है कि मंत्री राऊत ने मुख्यमंत्री से बिना किसी सलाह और बिना किसी अध्ययन के उक्त घोषणा करने की जल्दबाजी कर दी थी. आज की तारीख में राज्य में काफी महंगी बिजली दी जा रही है. यदि उसकी दर ही कम कर दी जाए तो ग्राहकों पर बड़ी मेहरबानी होगी. यह जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने दी.