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तीसरी लहर की तैयारी:छत्तीसगढ़ में प्रत्येक पीएचसी पर पांच ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर रखेंगे, मेडिकल कॉलेजों में 100 बेड का आईसीयू, शिशुओं के लिए ऐसे 20 बेड अलग




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रायपुर– छत्तीसगढ़ में सरकार ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों का खाका सामने रखा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की। इस दौरान कोरोना की संभावित चुनौती का सामना करने के लिए प्रस्तावित तैयारियों की प्रगति भी जांची गई। मुख्यमंत्री ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, दवाइयों, बिस्तरों, चिकित्सकों तथा चिकित्साकर्मियों के समुचित प्रबंध समय रहते कर लेने के निर्देश दिए।

बाद में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया, सरकार अपनी तरफ से कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की पूरी तैयारी कर रही है। प्रदेशभर में 100 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 5 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर रहेगा। जिला अस्पतालों में 30 ऑक्सीजन बिस्तर की व्यवस्था होगी। 30 बिस्तरों का आईसीयू होगा। शिशुओं के लिए दो बिस्तरों के आईसीयू की व्यवस्था होगी। सभी मेडिकल कॉलेजों में ICU के 100 बिस्तर मौजूद रहेंगे। हर मेडिकल कॉलेज में शिशुओं के लिए 20 बिस्तर का आईसीयू अलग से मौजूद होगा।

अभी तक तैयारियों की यह स्थिति है

अधिकारियों ने बताया, प्रदेश में 100 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 23 पूर्ण हो चुके हैं और 77 निर्माणाधीन हैं। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला चिकित्सालयों में पीएसए प्लांट स्वीकृत किए जा चुके हैं। इसी तरह 22 लिक्विड ऑक्सीजन टंकियां स्वीकृत की गई हैं। 10 हजार 618 जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर तथा 7 हजार 960 छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर की अतिरिक्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों के 690 बिस्तरों में पाइप लाइन की अतिरिक्त व्यवस्था की जा रही है। इसी तरह 717 वैंटिलेटर, 123 शिशु वैंटिलेटर की व्यवस्था के लिए तैयारी की जा रही है।

निजी अस्पतालों को कैशलेस इलाज करना होगा

समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग ने बताया, प्रदेश के 967 शासकीय और 435 निजी अस्पतालों में डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना और आयुष्मान भारत योजना के तहत जरूरतमंदों को इलाज की सुविधा दी जा रही है। हालांकि कई अस्पतालों ने इस योजना से इलाज को मना किया है। ऐसे भी मामले विभाग की जानकारी में हैं। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना के तहत इलाज होगा।