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6 महीने में 40 छापे… आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आया काला जठेड़ी




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दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट और स्पेशल सेल के हत्थे चढ़े दिल्ली के सबसे बड़े गैंगस्टर काला जठेड़ी की गिरफ्तारी के लिए 36 पुलिसकर्मियों की टीमें छह महीने से लगी हुई थीं। इस दौरान पुलिस की टीमों ने जठेड़ी के करीब 40 संभावित ठिकानों पर छापेमारी की थी। छह बार तो ऐसे मौके भी आए, जब लगा कि जठेड़ी पकड़ा जाएगा, लेकिन वह पुलिस के पहुंचने के ठीक पहले फरार हो जा था। अंतत: स्पेशल सेल ने यूपी के सहारनपुर में इस बदमाश को पकड़ने में सफलता पाई। 

छह टीम लगी हुई थीं

पुलिस सूत्रों की मानें तो पिछले छह महीने से स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस की छह टीमें विशेष अभियान के तहत जठेड़ी के पीछे लगी हुई थीं। ये टीमें खासकर, पिछले चार महीने से जठेड़ी के हर संभावित ठिकाने पर दबिश दे रही थीं। 

लॉरेंस विश्नोई से मिली थी जानकारी 

पुलिस ने काला जठेड़ी के ठिकानों के बारे में जानकारी जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई से जुटाई थी। हालांकि इनमें से कई ठिकानों का इस्तेमाल फिलहाल जठेड़ी नहीं कर रहा था। लेकिन, इन्हीं में से कुछ पर वह छिपता फिर रहा था। सूत्रों के अनुसार, विश्नोई को पुलिस ने एक मामले में रिमांड पर लिया था तो उसी दौरान काला जठेड़ी के बारे में भी पूछताछ की थी। 

12 प्रदेशों में 40 ठिकानों पर दबिश

स्पेशल सेल सूत्रों की मानें तो गैंगस्टर काला जठेड़ी के तलाश में पुलिस की टीमों ने 12 प्रदेशों में करीब 40 ठिकानों पर दबिश दी। इनमें दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, यूपी, उत्तराखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गोवा, गुजरात और महाराष्ट्र शामिल हैं। इन सभी प्रदेशों मे टीमों ने जठेड़ी की तलाश में छापेमारी की। इनमें से कई ठिकानों पर वह महीनों से नहीं पहुंचा था, जबकि कई ऐसे ठिकाने भी थे, जहां पुलिस के पहुंचने से कुछ दिन या फिर कुछ घंटे पहले ही वह निकल गया था। छह ठिकानों पर पुलिस को पहुंचने पर पता चला कि वहां से जठेड़ी महज कुछ देर पहले ही फरार हुआ था। 

इन छह ठिकानों पर हाथ से फिसला

छापेमारी के दौरान टीम को पता चला था कि जठेड़ी गोवा के एक होटल में है तो पुलिस ने वहां छापेमारी की लेकिन वह कुछ ही देर पहले वहां से निकल चुका था। यह पहला मामला था, जब पुलिस जठेड़ी के इतने करीब पहुंचकर भी उसे नहीं पकड़ पाई। इसके बाद मुंबई स्थित ठिकाने पर भी पुलिस के पहुंचने से पहले वह फरार हो चुका था। तीसरी बार जठेड़ी मध्य प्रदेश के इंदौर में पुलिस टीम को चकमा देने में कामयाब रहा था, जहां वह पुलिस के पहुंचने के कुछ घंटों पहले तक था। 

उत्तराखंड के हरिद्वार में भी एक होटल में पुलिस के पहुंचने के ठीक पहले गैंगस्टर वहां से निकल चुका था। इसके बाद टीम ने रुड़की में छापेमारी की थी, जहां वह किराए का फ्लैट लेकर रह रहा था। लेकिन, यहां से भी वह निकल गया था। पुलिस टीम पीछा करती हुई रुड़की और सहारनपुर के बीच उसके एक ठिकाने पर पहुंची, जहां वह छठवीं बार पुलिस के हाथ से निकल गया। आखिरकार पुलिस ने उसे सहानपुर में उसकी लिव-इन पार्टनर के साथ दबोचा।

फरीदाबाद से हुआ था फरार 

काला जठेड़ी फरवरी 2020 में फरीदाबाद से पुलिस कस्टडी से फरार हुआ था। जठेड़ी ने अपने सूत्रों के जरिए दूसरे गैंग और पुलिस को भटकाने के लिए यह बात फैला दी थी कि वह विदेश में है। लेकिन, उसकी तलाश में जुटी पुलिस को नितीश कुमार नाम के बदमाश से पता चला कि वह हरियाणा में ही छिपा हुआ है। इसके बाद पुलिस एक अभियान के तहत उसके पीछे लगी और वह ठिकाने बदलता रहा। आखिरकार वह पकड़ा गया। स्पेशल सेल काला जठेड़ी गैंग के बदमाश अंकित, रवि जागसी, राजन जाट, सुमित बिचपडी, अमित और सुधीर मान को पहले ही पकड़ चुकी है। 

पांच राज्यों के वांटेड पर सात लाख का था इनाम

दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और यूपी में मोस्ट वांटेड काला जठेड़ी मौजूदा समय में सबसे बड़ा गैंग चलाता है। जठेड़ी की गिरफ्तारी पर विभिन्न राज्यों की पु़लिस ने सात लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। जठेड़ी गैंग पर हत्या, हत्या का प्रयास, रंगदारी, लूट, डकैती के करीब तीन दर्जन वारदात को अंजाम देने के आरोप हैं। 

गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई का है खास 

काला जठेड़ी गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई का खास है। लॉरेंस विश्नोई गैंग ने ही अभिनेता सलमान खान को मारने की धमकी दी थी। लॉरेंस से काला की मुलाकात नजफगढ़ के एक शख्स ने कराई थी। इसके बाद जठेड़ी ने लॉरेंस के लिए कई वारदात की, जिससे लॉरेंस उसका मुरीद हो गया। दोनों मिलकर 100 से ज्यादा बदमाशों का गैंग चला रहे हैं। इसी साल 25 मार्च को इनके गैंग ने पुलिस पर हमला कर गैंगस्टर कुलदीप फज्जा को जीटीबी अस्पताल से भगाया था। हालांकि बाद में पुलिस ने फज्जा को मार गिराया। 

झपटमारी से अपराध की शुरुआत 

काला जठेड़ी हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला है। उसका असली नाम संदीप उर्फ काला है। काला के नाम के साथ जठेड़ी कब जुड़ा, इसकी जानकारी पुलिस को भी नहीं है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, काला जठेड़ी ने झपटमारी से अपराध की दुनिया में कदम रखा था। उसकी दोस्ती कुछ बदमाशों से हो गई थी, जिससे उसके खर्चे भी बढ़ गए थे। मां-बाप से मिली पॉकेट मनी से खर्चे पूरे नहीं हुए तो उसने झपटमारी शुरू कर दी। 

29 सितंबर 2004 को दर्ज हुआ था पहला केस

12वीं तक पढ़ा काला जठेड़ी पहले केबल ऑपरेटर था। काला जठेड़ी के खिलाफ दिल्ली में पहला केस 29 सितंबर 2004 को दर्ज हुआ था। तब जठेड़ी सिरसपुर इलाके में एक शख्स का मोबाइल छीनकर भाग रहा था जब पुलिस ने उसे धर दबोचा। इस मामले में जठेड़ी के खिलाफ दिल्ली के समयपुर बादली में पहली एफआईआर दर्ज की गई थी। लेकिन जेल से छूटने के बाद जठेड़ी ने झपटमारी के साथ ही लूटपाट और हत्या की कोशिश जैसी वारदात को अंजाम देने लगा। 

जून 2009 में जठेड़ी ने रोहतक के सांपला में लूट के दौरान हत्या की वारदात को अंजाम दिया और इसके बाद बड़ी वारदात में उसका नाम आने लगा। देखते ही देखते उसने अपना गैंग बना लिया और जबरन उगाही करने से लेकर विवादित संपत्तियों के मामलों में दखल देने लगा।