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केवल पवार समाज ही नहीं हर समाज मेरे लिये सम्मान का पात्र है – विधायक जैसवाल




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(मेरी चरित्र हत्या करने का घटिया षडयंत्र)

रहीम खान भरवेली स्वतंत्र पत्रकार


बालाघाट: बालाघाट जिले में वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं मध्यप्रदेश खनिज विकास निगम के अध्यक्ष विधायक प्रदीप जैसवाल पर गत दिवस एक सैनिक युवक ठाकरे ने मार पिटाई और अभद्र भाषा उपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि पवार समाज के प्रति भी अपमान जनक शब्दों का उपयोग किया। इसके पश्चात यह मामला सामाजिक गठजोड की तरफ बढ़ गया। जहां पर पंवार समाज ने एकजुट होकर विधायक जैसवाल के खिलाफ पुलिस थाना में रिपोर्ट लिखवाई। इस मध्य सैनिक ठाकरे ने विधायक के साथ महिला होने की बात भी टी.व्ही. कैमरो के सामने कहा था। यह घटना जसवंत पटले के कथित निवास स्थान के पास घटित हुई थी।
अपने पर लगे आरोपों से व्यथित भावुक शब्दों में अपना पक्ष रखते हुए विधायक प्रदीप जैसवाल ने कहा कि लंबे समय से क्षेत्र मे मेरी छबि को धूमिल करने के लिये अनेक प्रकार के हथकंडे विरोधियों द्वारा लगातार बिना किसी साक्ष्य या सबूत के लगाये जाते रहे है। उसी के तहत ही यह घटना घटित हुई है। मुझे दुख है कि कुछ चैनल व समाचार पत्रों में बिना तथ्यों की पुष्टि किये न ही मेरा पक्ष जाने पेपर में छाप दिया कि मैं उपरोक्त घटनास्थल पर महिलाओं के साथ रंगलियां मनाते हुए पकड़ा गया। जो पूरी तरह से एक सफेद झूठ है जिसका सत्यता के साथ दूर दूर तक कोई संबंध नहीं है।


जैसवाल ने कहा कि उपरोक्त घटना स्थल पर तीन लगा अत्यधिक शराब के नशे में थे जिन्हें मैं पहचानता भी नहीं था। नशे की हालत इतनी ज्यादा थी कि वह अपनी बाईक भी शुरू नहीं कर पा रहे थे तब मारपीट व जातिगत अपमान करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। यदि मारपीट हुई तो घटना के बाद पीड़ित पक्ष ने तत्काल रिपोर्ट क्यों नहीं दर्ज कराई। इसमें भी एक व्यक्ति सामने आ रहा है दो व्यक्ति गायब है जो यह साबित करता है कि मुझे बदनाम करने के लिये एक सुनियोजित षडयंत्र रचा गया था जिसके जनक गौरव पारधी, विक्की पटेल और अजय बिसेन है। मेरे लिये जितने अन्य धर्म जाति सम्मान के पात्र है उतना ही पवार समाज भी है। यही कारण है कि जब पंवार समाज का एकगुठ मेरे खिलाफ सड़कों पर आया तो उससे ज्यादा संख्या में पवार समाज के ही सम्माननीत नागरिकों ने मेरे पक्ष में पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर झूठा वाद दर्ज करने का घोर विरोध किया। ज
जैसवाल ने कहा कि मेरे पिताजी के साथ भी यही सब षडयंत्र होते रहा, जिसके कारण उन्हें जीता चुनाव हारना पड़ा था, उस समय भी क्षेत्र की जनता को भ्रमित करने के लिये झूठी अफवाह पर्चेबाजी की गई, गत विधानसभा चुनाव में भी यही सब अफवाहें मेरे खिलाफ फैलाई गई थी किंतु क्षेत्र की सम्माननीत जनता ने सारी बातों को उपेक्षित करते हुए मुझे भरपूर सम्मान प्रदान किया, उसी का परिणाम है कि आज मैं क्षेत्र के विधायक के रूप में प्रगति एवं विकास के कई महत्वपूर्ण कार्य कर पा रहा हॅू। जिन लोगों को लग रहा है कि मैं अगला चुनाव कांग्रेस से लडूगा किसी को लगता है कि मैं भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में होउगा ऐसी कपोलकल्पित बातों को ध्यान मे ंरखकर ही सुनियोजित तरह से मुझे क्षेत्र और प्रदेश में बदनाम करने का कुचक्र चला जा रहा है। वहीं जैसवाल इन बातों को कहते हुए भावुक हो गये कि समाचार पत्रों के साथ यूटयूब न्यूज चैनलों पर मेरे चरित्र पर उंगलियो उठाते हुए समाचारों को प्राथमिकता दी गई। ऐसे लोगों के खिलाफ मैं कानून विशेषज्ञ से सलाह लेकर मानहानि का दावा करूंगा।
जैसवाल ने कहा कि मैं कांग्रेस से दूर नहीं गया, बिना किसी कारण के कांग्रेस ने मुझे अपनों से दूर किया और टिकट काटी जहां मुझे जनता के भारी मांग व दबाव में निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा और मैं विजयश्री प्राप्त करने में सफल रहा। इसके पश्चात भी जब सरकार को समर्थन देने की बात आई तो मैंने कमलनाथजी से अपने व्यक्तिगत संबंधों के आधार पर कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया जहां मुझे खनिज मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर मिला। किंतु कांग्रेस की आपसी लड़ाई में पांच साल चलने वाली सरकार 15 माह में गिर गई ऐसे समय मुझे वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र के विकास को ध्यान में रखते हुए नई भाजपा सरकार को अपना समर्थन देना पड़ा। उसी का परिणाम है कि आज वारासिवनी क्षेत्र में करोडों के प्रोजेक्ट चल रहे है। 2023 का चुनाव अभी बहुत दूर है इसलिये चुनाव कैसे लड़ा जायेगा तब सोचा जायेगा। अपने राजनैतिक स्वार्थो की पूर्ति के लिये किसी भी नेता के खिलाफ बिना किसी तथ्य और घटना के अर्नगल आरोप लगाकर उसकी चरित्र हत्या करने का प्रयास करना ये वारासिवनी की राजनीति का सबसे घटिया रूप है जिसकी मैं ही नहीं क्षेत्र की समस्त जनता भी घोर निंदा कर रही है। वहीं पत्रकारों से भी मैं अपेक्षा करता हॅू कि वह निष्पक्षता के साथ कार्य करते हुए किसी भी घटना की पुष्टि करने के बाद जो आरोप लगाये गये है उन तथ्यों का सही तौर पर पता लगाकर प्रकाशित करना चाहिये। मीडिया के साथ मेरे हमेशा मधुर संबंध रहे है। यदि उपरोक्त घटना में महिला संबंधी बातों पर मेरे से भी चर्चा की जाती तो जयादा बेहतर होता पर ऐसा न करके कपोल कल्पित बातों को आधार बनाकर जिस प्रकार के समाचार का प्रकाशन किया गया, यह दुर्भाग्यपूर्ण निंदनीय है। अनावश्यक के इस विवाद को तूल देने वाले तथाकथित विरोधी नेताओं से मैं यही कहना चाहूंगा कि आप भी चुनाव के मैदान में आये मैं भी मैदान में हूं, जनता जिसको को भी समर्थन देगी वह हमें स्वीकार है पर अपने स्वार्थो की पूर्ति के किसी के चरित्र की हत्या करना घटिया और ओछी मानसिकता का परिचायक है।