जतमई घटारानी का वाटरफॉल गरियाबंद जिले के जतमई घटारानी जंगलों से घिरा हुआ है. जंगल के बीचो-बीच स्थित जतमई वाटरफॉल में 40 फीट की ऊंचाई से पानी नीचे पत्थरों से टकराती है.
यह वाटरफॉल गरियाबंद जिले के जतमई घटारानी जंगलों से घिरा हुआ है. जंगल के बीचो-बीच स्थित जतमई वाटरफॉल में 40 फीट की ऊंचाई से पानी नीचे पत्थरों से टकराती है.
इसकी कलकल की आवाज सुनने के लिए दूर-दूर से पर्यटक यहां पहुंचते हैं. इसकी खुबसूरती को वनों की हरियाली और बारिश ने और बढ़ा दी है. वॉटरफॉल और हरी-भरी वादियों के नजारे कुछ ऐसे हैं कि आप भी इन नजारो में खोए बगैर नही रह पाएंगे.
घटारानी वाटरफॉल में नीचे एक कुंड है जहां पर्यटक नहाते हैं. कुछ पर्यटक वाटरफॉल के पानी में सीधे नहाते हैं. तेज आवाज में पानी नीचे पत्थर से ऐसे टकराती है जैसे आसमान में बादल कड़क रहे हों. इसलिए बड़ी संख्या में इस खूबसूरत वाटरफॉल का आनंद लेने लोग पहुंचे है.
इस वाटरफॉल के ऊपर माता का मंदिर है जहां श्रद्धालु दर्शन करते है. मंदिर से वाटरफॉल को देखना प्रकृति को नजदीक से निहारने जैसा है.
इस जगह की खासियत ये भी है जब तेज बारिश होती है तो ये जगह पूरी तरह से वाटरफॉल में घिर जाता है. पर्यटकों का आना-जाना भी बंद कर दिया दिया जाता है. क्योंकि वाटरफॉल का पानी अपने पूरे शबाब पर होता है. पर्यटकों के लिए घटारानी वाटरफॉल घूमने के लिए पहली पसंद है.
घटारानी वाटरफॉल में नीचे एक कुंड है जहां पर्यटक नहाते हैं. कुछ पर्यटक वाटरफॉल के पानी में सीधे नहाते हैं. तेज आवाज में पानी नीचे पत्थर से ऐसे टकराती है जैसे आसमान में बादल कड़क रहे हों. इसलिए बड़ी संख्या में इस खूबसूरत वाटरफॉल का आनंद लेने लोग पहुंचे है.