श्रीनगर में फंसे मजदूरों में से एक दल हुआ वापस
दूसरे दल को छत्तीसगढ़ लाने के लिए टीम रवाना
श्रमिकों को बंधक बनाए जाने का मामला नहीं बल्कि भुगतान का सामने आया
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चाम्पा और सक्ती जिले के श्रमिकों के जम्मू-काश्मीर में बंधक बनाए जाने की सूचना पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जिला प्रशासन को इस पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिए थे। इस पर अमल करते हुए कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा द्वारा आवश्यक कार्यवाही करते हुए जम्मू-काश्मीर के स्थानीय प्रशासन को उक्त प्रकरण के संबंध में आवश्यक जांच करने संपर्क किया गया। इसके बाद जम्मू-काश्मीर के डांगरपुरा और मांगेरपुरा में फंसे श्रमिकों को राहत पहुंचाई जा सकी है। इसमें से श्रमिकों का एक दल अब छत्तीसगढ़ के लिए लौट चुका है। वहीं कलेक्टर श्री सिन्हा ने तीन सदस्यीय संयुक्त टीम जिसमें कार्यपालिक दण्डाधिकारी, श्रम निरीक्षक एवं सहायक उप निरीक्षक को शिकायतों की जांच एवं आवश्यक कार्यवाही करने के लिए रवाना किया है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के जिला जांजगीर-चांपा व जिला सक्ती के लगभग 60-65 श्रमिक जम्मू कश्मीर के डोंगारगांव चुटरू, जिला-बडगाम (श्रीनगर) के ईंट भट्ठे में अधिक आय की लालसा से कार्य करने गये थे तथा श्रमिकों को भट्ठा मालिक/जमींदार द्वारा मजदूरी का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जिला प्रशासन जांजगीर-चांपा को प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके परिपालन मंग जिला प्रशासन जांजगीर-चांपा द्वारा बडगाम (श्रीनगर) के प्रशासन से सम्पर्क किया गया तथा उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया। जिला प्रशासन बड़गाम द्वारा एक संयुक्त टीम कार्यपालिक दण्डाधिकारी के नेतृत्व में बनायी गई। इस टीम ने श्रीनगर के डांगरपुरा में संचालित ईंट भट्ठा में शिकायत के संबंध में जांच-पड़ताल की। इस दौरान सामने आया कि उक्त मामला बंधक बनाए जाने का नहीं था, बल्कि श्रमिकों के भुगतान को लेकर था। इसका निराकरण कराते हुए श्रमिकों के लिए पहुंची राहत टीम द्वारा संबंधित श्रमिकों के एक दल को छत्तीसगढ़ के लिए रवाना कर दिया गया है। वहीं श्रमिकों के दूसरे दल को राहत पहुंचाने जिला प्रशासन जांजगीर-चाम्पा द्वारा स्थानीय प्रशासन बड़गाम को पुनः प्रकरण क्रमांक-02 पर जाकर आवश्यक कार्यवाही करने हेतु पत्र प्रेषित किया गया था। इसके परिपालन में संयुक्त टीम जिसमें प्रथम श्रेणी दण्डाधिकारी, सहायक श्रमायुक्त एवं पुलिस प्रशासन जिला-बड़गाम द्वारा मांगेरपुरा स्थित ईंट भट्ठा जाकर जांच की गई। यहां भी मामला बंधक श्रमिक का न होकर पैसों के लेन-देन तक ही सीमित है।
इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जिला कलेक्टर श्री तारण प्रकाश सिन्हा के द्वारा तीन सदस्यीय संयुक्त टीम जिसमें कार्यपालिक दण्डाधिकारी, श्रम निरीक्षक एवं सहायक उप निरीक्षक को शिकायतों की जांच एवं आवश्यक वैधानिक कार्यवाही करने के लिए रवाना कर दिया गया है साथ ही आवश्यक कार्यवाही एवं समन्वय के लिए जिला दण्डाधिकारी बड़गाम को भी पत्र प्रेषित किया गया है।