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अध्यक्ष चुनने के लिए क्या-क्या नए तरीके अपना रही है सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस, पढ़ें दिलचस्प रिपोर्ट




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Congress President Election: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की तैयारी तेज हो गई है. प्रतिनिधियों को क्यूआर कोड के साथ आईडी कार्ड दिए जाएंगे. पार्टी अध्यक्ष चुनाव के लिए मतदाता सूची सार्वजनिक है. इस बीच सोनिया गांधी ने कहा है कि वह किसी का समर्थन नहीं करेंगी. गहलोत के अलावा किसी और चेहरे की तलाश में गांधी परिवार किसी ऐसे व्यक्ति को चाहता है जिस पर वे भरोसा कर सकें.

नई दिल्ली. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की तैयारी तेज हो गई है. प्रतिनिधियों को क्यूआर कोड के साथ आईडी कार्ड दिए जाएंगे. पार्टी अध्यक्ष चुनाव के लिए मतदाता सूची सार्वजनिक है. इस बीच सोनिया गांधी ने कहा है कि वह किसी का समर्थन नहीं करेंगी. गहलोत के अलावा किसी और चेहरे की तलाश में गांधी परिवार किसी ऐसे व्यक्ति को चाहता है जिस पर वे भरोसा कर सकें. 22 साल बाद कांग्रेस में शीर्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में खास व्यवस्था की गई है.

कांग्रेस अध्यक्ष के लिए आखिरी चुनाव 2000 में हुआ था, जब सोनिया गांधी ने जितेंद्र प्रसाद के खिलाफ चुनाव लड़ा था. वर्तमान चुनाव भी दबाव में हो रहे हैं. जी 23 सवाल उठा रहे हैं कि संगठनात्मक चुनाव क्यों नहीं हो रहे हैं. इसके अलावा सोनिया गांधी सेवानिवृत्त होना चाहती हैं और राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष के लिए साफ मना कर चुके हैं. इस कारण पार्टी को इन चुनावों की आवश्यकता है. कांग्रेस कार्यालय के एक कोने वाले कमरे में विशेष कार्यालय बनाया गया है. मधुसूदन मिस्त्री मुख्य चुनाव अधिकारी हैं और उनकी एक टीम है जो व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए चौबीसों घंटे काम करती है.

मतदान प्रतिनिधियों की सूची जारी, राज्यों के ब्लॉक से प्रतिनिधि शामिल
9000 प्रतिनिधियों की एक सूची रखी गई है जो अध्यक्ष के लिए मतदान करेंगे. सभी राज्यों के प्रत्येक ब्लॉक से प्रतिनिधियों को चुना गया है. प्रत्येक राज्य के प्रतिनिधियों की संख्या राज्य के आकार पर निर्भर करती है. उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में 1,000 प्रतिनिधि हैं, जो अध्यक्ष के लिए मतदान करेंगे. शशि थरूर और मनीष तिवारी जैसे नेताओं के दबाव में पहली बार मतदाता सूची सार्वजनिक की गई है. इसका कारण यह है कि किसी भी उम्मीदवार के लिए यह जानना मुश्किल होता है कि प्रत्येक ब्लॉक से वास्तव में किसे पीसीसी प्रतिनिधि के रूप में नामित किया गया है जो चुनाव के लिए मतदान करेगा. इन नेताओं के मुताबिक, अगर इस सूची को सार्वजनिक नहीं किया गया तो किसी उम्मीदवार को पता नहीं चलेगा कि उन्हें कौन नामांकित कर सकता है.

पारदर्शिता का संदेश देना चाहता है गांधी परिवार
इन चुनावों का मूलमंत्र पारदर्शिता है और यही संदेश गांधी परिवार देना चाहता है. कई नई सुविधाएं भी इसमें की गई हैं. प्रतिनिधियों या मतदाताओं को एक क्यूआर कोड वाले आईडी कार्ड दिए जाएंगे. इससे उम्मीदवारों को प्रतिनिधियों के बीच से अपने समर्थकों की पहचान करने और तदनुसार अपना नामांकन दाखिल करने में मदद मिलेगी.